मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखने वाले 'Gang-49' के रामचंद्र गुहा (Ramchandra Guha), मणि रत्नम (Mani Ratnam) और अपर्णा सेन (Aparna Sen) समेत करीब 50 लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में इन लोगों के खिलाफ राजद्रोह और अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है. आरोप है कि इन लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल किया.
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स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने दो माह पहले सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर इनलोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. पुलिस ने बताया कि दो माह पहले दी गई अर्जी पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्यकांत तिवारी के आदेश पर यह एफआईआर दर्ज की गई है. सुधीर ओझा ने इस बारे में बताया, सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी अर्जी स्वीकार कर ली थी. गुरुवार को सदर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई.
सुधीर ओझा का कहना है कि इन हस्तियों ने भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल किया. पुलिस ने बताया कि एफआईआर में राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने संबंधी धाराएं लगाई गई हैं.
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इसी साल जुलाई में मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, श्याम बेनेगल, सौमित्र चटर्जी और शुभा मुद्गल समेत 49 शख्सियतों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मॉब लिंचिंग को तुरंत रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की अपील की थी. इनलोगों ने यह भी लिखा था कि असहमति के बगैर लोकतंत्र की कल्पना मुश्किल है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो