चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज की गई है. उनपर अपने 'बात बिहार की' (Baat Bihar Ki) अभियान में कथित तौर पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया गया है जिसके बाद आईपीसी की धारा 420 के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
Bihar: FIR registered against political strategist Prashant Kishor in Patna under sections 420 (cheating & dishonestly inducing delivery of property) & 406 (punishment for criminal breach of trust) of the IPC for alleged plagiarism in his 'Bihar ki Baat' campaign. (file pic) pic.twitter.com/JL0jk7bmwo
— ANI (@ANI) February 27, 2020
दरअसल जेडीयू (JDU) से निष्कासित होने के बाद प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और अपने 'बात बिहार की' अभियान का ऐलान किया था. हालांकि अब उनपर इसी अभियान में साहित्यिक चोरी का आरोप लगा है. उन्होंने ऐलान किया था कि वह कोई नया दल नहीं बनाने जा रहे हैं. वह सिर्फ बिहार में बदलाव के लिए काम करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्होंने 'पितातुल्य' बताया था और कहा था कि उनका हर फैसला उन्हें मंजूर है. हालांकि इसके तुरंत बाद ही वे नीतीश सरकार के 15 साल के शासनकाल की कमियां भी गिनाने लगे.
वहीं भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर भी उन्होंने नीतीश पर सवाल उठाए थे, लेकिन जेडीयू ने पलटवार करते हुए कहा था कि प्रशांत किशोर की ऐसी हैसियत नहीं की वो सवाल खड़े कर सके और जेडीयू इसका जबाव दे. बहरहाल देखने वाली बात यह कि प्रशांत किशोर इस कार्यक्रम के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर क्या नया हमला बोलते हैं और सरकार पर क्या-क्या सवाल खड़े करते हैं.
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20 फरवरी को लॉन्च हुआ था अभियान
प्रशांत किशोर का अभियान 'बात बिहार की' 20 फरवरी को लॉन्च और पहले ही दिन हिट हो गया. गुरुवार शाम 5 बजे तक इस कार्यक्रम से जुड़ने वाले लोगों की संख्या तीन लाख 32 हजार को पार कर गई. इस कार्यक्रम से जुड़ने वालों की संख्या पहले ही दिन 3,32,270 हो गई. अररिया में 5129, अरवल में 1946, औरंगाबाद में 5481, बांका में 3107, बेगूसराय 8575, भागलपुर 7391, भोजपुर 7721, बक्सर 5953, गोपालगंज में 6884, जमुई में 3014, जहानाबाद में 3483, कैमूर में 3202, कटिहार में 4668, खगड़िया में 3751, किशनगंज में 2354, लखीसराय में 3142, मधेपुरा में 4160, मधुबनी में 10909, मुंगेर में 3323, मुजफ्फरपुर में 14443, नालंदा में 9168, नवादा में 4761, पश्चिम चंपारण में 7139.
इसी तरह पटना में 27710, पूर्णिया में 6310, पूर्वी चंपारण में 11762, रोहताश में 7573, सहरसा में 4798, समस्तीपुर में 10931, सारण में 10636, शेखपुरा में 1874, शिवहर में 1511, सीतामढ़ी में 6863, सिवान में 9401, सुपौल में 4852, वैशाली में 9405 लोग इस कार्यक्रम से जुड़ गए हैं.
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यह कार्यक्रम उन लोगों के पंजीकरण के साथ शुरू हुई, जो कार्यक्रम से जुड़कर, समान विचारधारा वाले लोगों के एक ऐसे समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं, जो अगले 10-15 वर्षो में बिहार को देश के टॉप 10 राज्यों श्रेणी में लाकर उसे उसका सही सम्मान दिलाना चाहते हैं. अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग नीतियों वाली पार्टियों के लिए लुभावने नारे गढ़नेवाले चुनाव प्रबंधक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह कोई नया दल नहीं बनाने जा रहे हैं. वह सिर्फ बिहार में बदलाव के लिए काम करेंगे.