पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं का झुकाव महागठबंधन (Mahagatbandhan) की ओर है, तो लालू प्रसाद के कार्यकाल को देख चुके 55 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं ने एनडीए (NDA) पर भरोसा जताया है. आईएएनएस-सीवोटर बिहार एग्जिट पोल के जनसांख्यिकी विश्लेषण से यह जानकारी मिली. अगर यह सही साबित होता है तो जंगल राज की अवधारणा विफल साबित हो गई है, क्योंकि 18-22 वर्ष के नवयुवकों ने महागठबंधन पर भरोसा जताया है. प्रोफेशनलों में 32.8 प्रतिशत ने महागठबंधन उम्मीदवार को तो 38.8 प्रतिशत ने एनडीए उम्मीदवार को मत दिया है.
18-22 वर्ष के उम्र के मतदाताओं का विश्लेषण करें तो, 40.7 प्रतिशत ने महागठबंधन को, जबकि 38.5 प्रतिशत मतदाताओं ने एनडीए और 20.9 प्रतिशत मतदताओं ने लोजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. वहीं 55 वर्ष के उम्र ब्रेकेट को देखें तो, 33.3 प्रतिशत लोगों ने तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली महागठबंधन, जबकि 40.2 प्रतिशत ने एनडीए और 26.5 प्रतिशत ने अन्य पर भरोसा जताया है.
वहीं पुरुष मतदाता की बात करें तो, 37.9 प्रतिशत ने महागठबंधन पर तो 37.2 प्रतिशत ने एनडीए पर भरोसा जताया है. महिला मतदाता की बात करें तो, 35.3 प्रतिशत महिलाओं ने महागठबंधन और 38 प्रतिशत ने एनडीए पर भरोसा जताया है. आईएएनएस-सीवोटर एग्जिट पोल के अनुसार, निरक्षरों की बात करें तो, महागठबंधन को भाजपा पर बढ़त है, वहीं प्रोफेशनलों की बात करें तो एनडीए को बढ़त मिली है. 36.9 प्रतिशत निरक्षरों ने महागठबंधन को और 33.2 प्रतिशत निरक्षरों ने एनडीए को वोट दिया है.
Source : IANS/News Nation Bureau