मोतिहारी में गंडक नदी कहर ढाने को तैयार है. कई इलाकों में पानी घुस चुका है और लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ प्रभावित लोगों तक किसी भी प्रकार की मदद नहीं पहुंच पा रही है. लोगों के सामने रहने खाने की भी समस्या उत्पन्न हो गई है, लेकिन प्रशासन का ध्यान लोगों की तकलीफों पर नहीं जा रहा है. पड़ोसी देश नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र के अलावा पूर्वी चंपारण में भी पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है.
वहीं, वाल्मीकि नगर गंडक बराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. जिले के अरेराज अनुमंडल क्षेत्र के अरेराज और संग्रामपुर प्रखंड के निचले इलाकों में गंडक नदी का पानी चारो तरफ फैल गया है. लोगों के सामने खाने पीने की समस्या आ रही है, लेकिन प्रशासन ने सरेंडर कर दिया है और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है. आलम ये हो गए हैं कि लोग घरों से जरुरी सामान लेकर उंचे स्थान की ओर जा रहे हैं, लेकिन प्रशासन के तरफ से कोई मदद अभी तक उन्हें नहीं मिला है.
जिला प्रशासन के तरफ से बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए ना ही बाढ़ से राहत की व्यवस्था की गई है और ना ही सामुदायिक रसोई शुरु की गई है और इसी कारण बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों में प्रशासन के प्रति गुस्सा है. जिला परिषद सदस्य पंकज द्विवेदी ने गंडक तटबंध पर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और स्थानीय प्रशासन के अलावा जिला प्रशासन से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने की बात की.
जिले में बहने वाली गंडक नदी पूरी तरह तबाही मचाने के लिए तैयार है. सिकरहना, लालबकेया और बूढ़ी गंडक के अलावा तमाम पहाड़ी नदिया उफान पर है. हालांकि गंडक को छोड़कर सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन गंडक नदी ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. आलम ये है कि बाढ़ के कारण संग्रामपुर प्रखंड के पुछरिया, बिनटोली और भवानीपुर मलाही टोला के लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त हो चुकी है. लोगों के सामने काने पीने की समस्या उत्पन्न हो चुकी है. अब ये देखना दिलचश्प होगा कि जिला प्रशासन कब तक लोगं की मदद कि लिए पहुंचता है. प्रशासन मदद करता भी है या फिर अभी की तरह लोगों को उनके ही हाल पर छोड़े रहता है.
रिपोर्ट : रंजीत कुमार
Source : Ranjit Kumar