बिहार में नदियां उफान पर हैं जिससे करीब 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं. आलम यह है कि लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. वहीं सुपौल के निर्मली शहर में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. शहर के वार्ड 12 में छाती तक पानी भरा हुआ है और ऐसे में लोग जरूरी सामान को कंधों पर रख अपने परिवार के साथ ऊंचे स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं.
बता दें बिहार की सबसे खतरनाक व शोक के नाम से प्रसिद्ध कोसी नदी का जलस्तर में उतार-चढ़ाव के साथ तांडव जारी है. सुपौल में अबतक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. कोसी नदी के तांडव में तटबंध के भीतर बसे 68 गांवों के 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं.
यह भी पढ़ें- Bihar Flood : पुलिस थाने में घुसा पानी, अधिकारी सहित जवान दूसरी जगह जाने को मजबूर
जबकि पानी घटने के बाद 5 प्रखंड के 130 गांवों में कटाव तेज है. बिना लाइफ जैकेट के अधिकांश लोग नदी पार कर रहे हैं. कोसी बराज से सुबह 8 बजे बढ़ते क्रम में 1 लाख 59 हजार 185 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है.
यह भी पढ़ें- बिहार की बिजली आपूर्ति क्षमता बढ़कर 11,346 मेगावाट हो जाएगी: ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव
बता दें कि शोक के नाम से कोसी को इसलिए जाना जाता, क्योंकि जब कोसी का जलस्तर बढ़ता है तो लोगों के घर डूब जाते है. इसके साथ ही जलस्तर घटने से भी भारी तबाही तब होती है, जब गांव-घरों से लेकर सुरक्षा तटबंधों में भी कटाव तेज होने लगते है.
बहरहाल जिला प्रशासन भी जगह-जगह सुरक्षा के दृष्टिकोण से सजग दिख रहा है. लेकिन प्रभावित क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि अधिकांश जगहों पर राहत शिविर अबतक नहीं खोले गए हैं. ऐसे में लोग खाने और रहने को तरस रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- सुपौल में अबतक 3 लोगों की मौत हो चुकी है.
- सुपौल के निर्मली शहर के वार्ड 12 में छाती तक पानी भरा हुआ है.
- लगभग 68 गांवों के 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं.
Source : Bishnu Gupta