बिहार में बारिश और बाढ़ से हाहाकार मचा है. आसमानी आफत ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. नदियां पूरे शबाब पर हैं और तटबंध इलाकों को निगलने के लिए आमादा हैं. लिहाजा लोग पलायन करने को मजबूर हैं. जलप्रलय के बीच कोसी बैराज से इस बार रिकॉर्ड पानी का डिस्चार्ज हुआ है. बिहार में जलप्रलय से हाहाकार मचा है. शहर हो या गांव कुदरती कहर ने सभी को अपनी जद में ले लिया है. नेपाल में हो रही बारिश बिहार के लिए काल बन गई है.
बाढ़ में 'बहता' बिहार
पड़ोसी देश नेपाल में बरस रही आसमानी आफत के बाद गंडक उफान पर है. बगहा में नदी अपने शबाब पर है. इस बीच वाल्मिकीनगर गंडक बैराज से 3 लाख 14 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे गंडक का जलस्तर तटबंध के इलाकों को डराने लगा है. हालांकि गंडक बैराज पर तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है, लेकिन बगहा और पीपी तटबंध पर कई जगह दबाव बन रहा है. ऐसे में निचले इलाके में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है.
नदियों में उफान...मुश्किल में जान
बगहा जैसे हालात सुपौल में भी हैं. जहां कोसी नदी में 4 लाख 62 हजार 345 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज के बाद तटबंध के अंदर के इलाकों में लोगों की परेशानी बढ़ गई है और इसी के साथ कोसी ने बीते 34 साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. दरअसल कोसी बराज से इस साल का सर्वाधिक 4 लाख 62 हजार 345 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया है. इसके लिए कोसी बैराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए.
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नेपाल में बारिश...बिहार में 'बाढ़-काल'
कोसी नदी में 4 लाख 62 हजार 345 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज के बाद आबादी वाले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. जिसकी वजह से लोग पलायन को मजबूर हैं. लोग घर बार छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर निकलने लगे हैं. इस बीच प्रशासन के दावों की भी पोल खुल गई है. दरअसल बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन चाक-चौबंद इंतजाम के दावे कर रहा था, लेकिन आलम ये है कि सरकारी नाव में डीजल तक की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इसके अलावा लोगों के लिए लाइफ जैकेट भी नहीं है.
निचले इलाकों में अलर्ट जारी
गोपालगंज में भी गंडक के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस बीच यहां वाल्मीकि नगर बैराज से 2 लाख 93 हजार 600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. प्रशासन की ओर से लोगों से तटबंधों पर सुरक्षित वापस लौटने की अपील की जा रही है. नेपाल में हो रही लगातार बारिश की वजह से पूरे उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा है. हालांकि पिछले 24 घंटों में पटना में गंगा का जलस्तर कम हुआ है. रविवार को पटना के दीघा घाट पर 49.3 मीटर गंगा का जलस्तर था जो 24 घंटे के बाद 48.8 मीटर हो गया. पटना के अलग-अलग घाटों पर भी गंगा के जलस्तर में कमी देखने को मिली है. पटना में भले ही गंगा का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन गंडक और कोसी नदियों में आए उफान ने कई जिलों में तबाही मचा दी है.
HIGHLIGHTS
- बिहार के कई जिलों पर मडराया बाढ़ का खतरा
- सुपौल, बगहा और मधुबनी में बढ़ा नदियों का जलस्तर
- मधुबनी में चेतावनी जारी
Source : News State Bihar Jharkhand