लोगों को सता रहा बाढ़ का खतरा, पलायन करने को मजबूर ग्रमीण

गंडक नदी में 3 लाख 17 हजार क्यूसेक पानी पहुंच चूका है. इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर गंडक बराज से नदी में पानी छोड़ा गया था. जिसके बाद से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. ग्रमीणों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है.

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Rashmi Rani
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Gandak River( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

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गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है, जिससे अब बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गंडक नदी में 3 लाख 17 हजार क्यूसेक पानी पहुंच चूका है. इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकिनगर गंडक बराज से नदी में पानी छोड़ा गया था. जिसके बाद से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. ग्रमीणों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है. घरों के आंगन में पानी भर गया है. दूसरी तरफ बढ़ते जलस्तर के बाद बांधों और तटबंधों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है.

पिपरासी प्रखंड अंतर्गत सेमरा लबेदाहा पंचायत के कांटी टोला में गंडक नदी का पानी घुस गया है और वहां बाढ़ जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि यहां पिछले वर्ष भी बाढ़ आई थी और दो दर्जन से अधिक लोगों का घर गंडक की धारा में बह गया था. फिलहाल कांटी टोला में 80 परिवार बसे हुए हैं और बाढ़ आने के बाद पलायन को लोग अब मजबूर हैं. हालांकि प्रशासन ने पहले ही माइकिंग के जरिए लोगों को आगाह कर दिया था कि गंडक नदी में तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा. लिहाजा निचले इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. ऐसे में अधिकांश परिवार अपने मवेशियों को लेकर पलायन कर गए हैं.

दूसरी तरफ गंडक नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि के बाद बांधों और तटबंधों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है. गंडक नदी किनारे बने अफलेक्स बांध और गाइड बांधों की 24 घंटे लगातार निगरानी अभियन्ताओं के टीम द्वारा की जा रही है. ताकि खराब हालात होने पर स्थिति को सम्भला जा सके और नुकसान कम से कम हो.

Source : News Nation Bureau

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