सहरसा के महिषी प्रखंड कार्यालय में सीओ को बंधक बनाकर उन पर हमला करने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि महिषी प्रखंड के 11 पंचायतों के बाढ़ पीड़ित प्रखंड कार्यालय परिसर में मुआवजा को लेकर धरना दे रहे थे, लेकिन सीओ साहब बाढ़ पीड़ितों से मले बैगर ऑफिस से निकालने लगे, जिससे गुस्साये बाढ़ पीड़ितों ने पहले दौड़ाकर उनकी गाड़ी को रोक लिया. फिर सीओ और उनके ड्राइवर पर झाड़ू और चप्पलों से हमला कर दिया. इस दौरान दोनों की जमकर पिटाई भी की गई. इस मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही और बाढ़ पीड़ित सीओ और उनके चालक को पिटते रहे.
CO और उनके चालक की जमकर पिटाई
बताया जा रहा है कि बाढ़ पीड़ित सरकार से मुआवजे की आस में धरने पर बैठे थे. उम्मीद थी कि सीओ साहब इनसे मुलाकात करेंगे. इनका दर्द सुनेंगे. मुआवजे पर मरहम लगाएंगे, लेकिन अफसोह की सीओ साहब बैगर सुने अपने ऑफिस से निकल गए. फिर क्या था धरने पर बैठे ये बाढ़ पीड़ित उग्र हो गए. सीओ साहब की गाड़ी दौड़ाकर पकड़ लिया और उसके बाद झाड़ू और चप्पलों से ना सिर्फ जोरदार स्वागत किया बल्कि सीओ साहब को घंटों तक बंधक बनाए रखा. दरअसल महिषी प्रखंड के 11 पंचायतों से पहुंचे बाढ़ पीड़ितों ने राहत की मांग को लेकर प्रखंड मुख्यालय में आयोजित धरने में शामिल हुए. इसी दौरान बिना धरने पर बैठे लोगों से बगैर मिले CO साहब प्रखंड मुख्यालय से जाने लगे जिसके बाद आक्रोशित बाढ़ पीड़ितों ने पहले खदेड़ कर CO को रोका. फिर उस पर झाड़ू,चप्पल और लात घूंसों की बरसात कर दी. धरने में शामिल होने आई महिला रासो देवी ने बताया कि वो अपना दुखड़ा सुनाने सीओ के पास आई थी लेकिन वो बिना मिले जाने लोगे तो लोगों का गुस्सा फूट गया.
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मुआवजे के लिए बाढ़ पीड़ित दे रहे थे धरना
वहीं, एक और बाढ़ पीड़ित अरुण पासवान ने तो CO पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी संपत्ति की जांच की मांग तक कर डाली. अरुण ने कहा कि दाखिल खारिज और बिचौलिया के प्रभाव में आकर पंचायत को मनमाना तरीका से सीओ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित कर रहे है जिससे लोगों में नाराजगी है. सबसे अजीब बात तो ये है कि जिस दौरान सीओ और उनके चालक पर हमला हो रहा था उस दौरान पुलिस मुकदर्शक बनी रही. यानी सीओ साहब पिटते रहे और पुलिस देखती रही. CO देवनंदन सिंह ने बताया कि पंचायत मुखिया संघ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर धरना का आदेश लिया था. धरना सुचारू रूप से चल रहा था. इसी दौरान जैसे ही वो एडीएम और एसडीएम के पंचायत कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुगरौला के लिए निकले उन पर बाढ़ पीड़ितों ने हमला कर उनको बंधक बना लिया.
बिना मिले CO के जाने पर भड़के बाढ़ पीड़ित
ये सही है कि बाढ़ में सब कुछ गंवाने वालों का दर्द बाढ़ पीड़ित ही समझ सकते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कानून हाथ में ले लिया जाय और सरकारी कर्मचारी पर हमला किया जाये. क्योंकि सरकारी काम में बांधा डालने के आरोप में अगर सीओ ने कानूनी कमद उठाया तो हमला करने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती है.
रिपोर्ट : रंजीत सिंह
HIGHLIGHTS
- बाढ़ पीड़ितों का फूटा गुस्सा
- CO को बनाया घंटों बंधक बनाया
- चप्पल और झाड़ू से किया हमला
- सीओ और ड्राइवर की जमकर पिटाई
Source : News State Bihar Jharkhand