बिहार में कई नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. राज्य के 15 जिलों की करीब 20 लाख की आबादी अभी भी बाढ़ से प्रभावित है. इस बीच अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है. इधर बाढ़ के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शनिवार को भी ठप रहा. आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य के 15 जिलों के 83 प्रखंडों की कुल 394 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित हैं. वहां की 19.92 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है. आपदा प्रबंधन विभाग ने इन जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया है.
राहत कार्य तेजी पर
विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पटना के अलावा वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, कटिहार, मुंगेर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मधेपुरा, समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को लगाया गया है. इधर बाढ का ट्रेनों के परिचालन पर भी असर दिख रहा है. दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर हायाघाट एवं थलवारा स्टेशन के बीच रेल पुल के निकट बढ़ते जलस्तर के कारण दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किए गए हैं.
ट्रेनें रद्द या अमान परिवर्तन
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि समस्तीपुर मंडल के समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के बीच हायाघाट एवं थलवारा स्टेशन के बीच स्थित रेल पुल संख्या 16 पर बढ़ते जलस्तर को देखते हुए यात्री सुरक्षा एवं संरक्षा के मद्देनजर स्पेशल ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि इस रेलखंड पर शनिवार को भी रेल का परिचालन ठप रहा, जबकि रविवार को चलने वाली नौ ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस मार्ग से चलने वाली 16 ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन कर दिया गया है.
1800 नावों से चल रहा राहत कार्य
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रभावित इलाकों में 1,800 से अधिक नावों का परिचालन किया जा रहा है. अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है. अधिकारी ने बताया कि अब तक बाढ प्रभावित इलाकों में 3 लाख 70 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और 4 लाख 75 हजार सूखा राशन पॉकेट बांटे गये हैं. इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है. आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी.
6 सितंबर को आएगी केंद्रीय टीम
प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर और सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है. विभाग के मुताबिक अब तक 7,95,538 बाढ़ प्रभावित परिवारों को अनुग्राहिक राहत राशि (जीआर) प्रति परिवार 6000 रुपये की दर से कुल 477.32 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. इधर सूत्रों का कहना है कि बिहार में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए छह सितंबर को केंद्रीय टीम आएगी. यह टीम बाढग्रस्त इलाकों का दौरा करेगी और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक भी करेगी. उल्लेखनीय है कि राज्य के प्रमुख नदियां गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, गंगा, महानंदा नदी अभी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं.
HIGHLIGHTS
- 15 जिलों की 20 लाख की आबादी अभी भी बाढ़ से प्रभावित
- एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीमें लगी हैं
- राज्य के प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर