दिन के उजाले में दुधिया रौशनी से मानो नगर निगम सूरज की चमक को मात देने में लगा है. ना नगर निगम के अधिकारियों को नजर आ रहा है, ना ही मेयर साहिबा इसकी सुध लेती दिख रही हैं. रात छोड़िये, दिन में भी स्ट्रीट लाइट को ऐसे जला कर छोड़े जा रहे हैं, जैसे सारे जहां की बिजली कटिहार को ही मिल गयी हो. मेयर साहिबा ये वही कटिहार है, जहां बिजली की किल्लत पर बवाल हुआ. बवाल में मौत की गोलियां तक चल गई और दो परिवारों की जिंदगी में अंधेरा छा गया. शाहिद चौक हो, बाटा चौक हो या एमजी रोड न्यू मार्केट. जहां नजर जाएगी, दिन के उजाले में भी स्ट्रीट लाइट चमचमाती नजर आएगी.
कटिहार नगर निगम बेपरवाह
ये चमचमाती लाइट दुकानदारों को दिखती है, ग्राहकों को दिखती है, राहगीरों को भी दिखती है, सिर्फ नगर निगम के अधिकारियों और मेयर साहिबा को ये नजर नहीं आती. तभी तो हर दिन हजारों वॉट बिजली बर्बाद हो रही है और इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. एक तरफ कटिहार नगर निगम की अनदेखी के चलते हर दिन हजारों वॉट बिजली बर्बाद हो जाती है, तो वहीं कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां बिजली आती ही नहीं.
बड़े पैमाने पर बिजली का दुरुपयोग
बिजली की इसी किल्लत ने जिले में कैसा कोहराम मचाया, ये बताने की भी जरूरत नहीं. इसी बिजली को लेकर हुए प्रदर्शन में दो जिंदगियां मौत के अंधेरे में चली गई. दो परिवारों का चिराग बुझ गया, लेकिन निगम प्रशासन है कि अपने ढुलमुल रवैये से बाज ही नहीं आ रहा. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां यूं ही 24 घंटे स्ट्रीट लाइट जलती रहती है. पूरे दिन लाइट जलने से कई बार खराब हो जाता है, जिसके बाद रात को सड़कों पर अंधेरा छा जाता है.
बिजली की बर्बादी पर एक्शन क्यों नहीं?
शासन हो या प्रशासन, आम लोगों को जरूरत के हिसाब से बिजली खर्च करने की नसीहत दी जाती है. वहीं, निगम प्रशासन की लापरवाही से हो रही बिजली की बर्बादी पर एक्शन क्यों नहीं. जरूरत है कि निगम प्रशासन के अधिकारी अपनी कुंभकर्णी नींद से जागे. साथ ही मेयर साहिबा भी दफ्तर से निकलकर सड़कों का हाल देखें. ताकि बिजली की इस बर्बादी को रोका जा सके.
HIGHLIGHTS
- कटिहार नगर निगम बेपरवाह
- बड़े पैमाने पर बिजली का दुरुपयोग
- बिजली की बर्बादी पर एक्शन क्यों नहीं?
Source : News State Bihar Jharkhand