बुद्ध की धरती बिहार के गया में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां पितृपक्ष में पितरों को मोक्ष दिलाने के पिंडदान करते हैं। सनातन धर्म में मान्यता है कि पिंडदान करने से पुरखों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में मंगलवार को रुस से आए 4 विदेशी महिला तीर्थयात्री एलीना, अकासमा, मरीना सहति एक अन्य महिला ने अपने पितरों के लिए पिंडदान किए।
रुस से आई इन महिला तीर्थयात्रियों के मुताबिक वहां के लोग भी भारत के वैदिक धर्म से बेहद प्रभावित हैं और इसी वजह से परेशानियों और प्रेत बाधाओं से मुक्ति के लिए वो पिंडदान करने गया आईं हैं। विदेशियों में भी अपने पितरों के पिंडदान को लेकर विश्वास बढ़ा है और उनका मानना है कि पितरों की आत्माओं की मुक्ति गया में ही संभव है। इन विदेशी महिलाओं ने पूरी तरह भारतीय संस्कृति और वेशभूषा में पिंडदान किया।
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लोग अपने पितरों के पिंडदान के लिए गया इसलिए आते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि गया भगवान विष्णु का नगर है और विष्णु पुराण के अनुसार यहां पूर्ण श्रद्धा से पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष मिलता है। ऐसा माना जाता है कि गया में भगवान विष्णु स्वयं पितृ देवता के रूप में उपस्थित रहते हैं, इसलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहते हैं।
Source : News Nation Bureau