बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भाजपा में हम पार्टी के शामिल होने वाले बयान की खबर पर साफ कहा कि इससे कोई लेना-देना नहीं है. भाजपा के साथ जाने का कोई शर्त या कोई सवाल जैसी बात नहीं है. जब तक नीतीश कुमार कोई फैसला नहीं ले लेते हैं. नीतीश कुमार जो निर्णय लेंगे, हम पार्टी उसके साथ है. यह हमारा फॉर्मूला है. नीतीश कुमार के पीएम बनने का हम समर्थक है. इसपर नीतीश कुमार ने भी कहा कि भाजपा अगर मेरा चप्पल जूता भी साफ करने की बात करेंगे तो भी भाजपा के साथ जाने का कोई सवाल नहीं है. वहीं भाजपा के लोग भी कह रहे हैं कि किसी भी शर्त पर नीतीश कुमार को अपने साथ नहीं लेंगे. ऐसे में मेरे द्वारा भाजपा के साथ जाने का कोई औचित्य नहीं है. अगर किसी ने कहा है तो गलत कहा है, इसकी खुद निंदा करते हैं.
गुजरात के मोरबी हादसे पर उन्होंने कहा कि अपने सीएम काल में हमने भी स्टीमेट घोटाले की बात की थी. यह भी स्टीमेट घोटाला सामने आया है, जिसके कारण यह हादसा हुआ है. तय संख्या से ज्यादा लोग पुल पर थे. व्यवस्था में भी गड़बड़ी हुई है, जितना पैसा खर्च किया जाना था, उससे कम किया गया था. मोकामा और गोपालगंज में होने वाले उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि महागठबंधन के उम्मीदवार दोनों सीट से जीत रहे हैं. महागठबंधन की ओर से राजद के उम्मीदवार हैं.
वहीं चिराग पासवान पर कहा कि सभी पार्टी का अपना दिशा तय करता है, पहले से भी इच्छुक थे. भाजपा से क्या बातें हुई है. चूंकि भाजपा के लिए उन्होंने प्रचार भी किया था. यह उनकी अपनी बात है. चुनाव पर कुछ फर्क पड़ेगा चूंकि आज की राजनीति जातीय आधार पर चल रही है. अगर राजद को देखते हैं तो उनके साथ पार्टिकुलर जाति के लोग हैं. यूपी में अखिलेश सिंह, मायावती हैं तो उनके साथ भी उनके पार्टिकुलर जाति के लोग हैं. रामबिलास पासवान जब थे तो उनके साथ भी कुछ था. उसी तरह हमारे साथ भी है. पारस से ज्यादा चिराग पासवान लोकप्रिय हैं, समाज के लोगों का सपोर्ट तो होगा ही.
Source : News State Bihar Jharkhand