सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का आज यानि 15 अगस्त 2023 को निधन हो गया. उन्होंने 80 की उम्र में आज दिल्ली के AIIMS में अंतिम सांस ली. आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने अपने संस्थान सुलभ इंटरनेशनल पर झंडारोहण किया और उनकी अचानक तबियत खराब हो गई. उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था. आनन फानन में उन्हें AIIMS के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया लेकिन जबतक उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता तबतक बहुत देर हो चुकी थी. हालांकि, डॉक्टरों के द्वारा उन्हें सीपीआर देकर उनकी धड़कन वापस लाने की कोशिश की गई लेकिन नाकामी ही हाथ लगी. उसके बाद डॉक्टरों द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पीएम नरेंद्र मोदी ने पाठक के निधन पर दुख जताया.
The passing away of Dr. Bindeshwar Pathak Ji is a profound loss for our nation. He was a visionary who worked extensively for societal progress and empowering the downtrodden.
Bindeshwar Ji made it his mission to build a cleaner India. He provided monumental support to the… pic.twitter.com/z93aqoqXrc
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2023
सुलभ के संस्थापक डॉ. विन्देश्वर पाठक नहीं रहे pic.twitter.com/3EDCtAZtqs
— Sulabh International Social Service Organisation (@SulabhIntl) August 15, 2023
दो दिन पहले ही पटना से लौटे थे
अभी दो दिन पहले ही पाठक ने पटना में एक कार्यक्रम में शिरकत की थी. बता दें कि 1970 में बिंदेश्वर पाठक द्वारा 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की गई थी. सामाजिक कार्यकर्ता और 'सुलभ इंटरनेशनल' के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने इस संस्था की स्थापना हाथ से मैला ढोनेवालों की तकलीफों को कम करने किया था. उन्होंने देश में बड़े स्तर पर शौंचालय निर्माण का कार्य कराया था.
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बिहार कै वैशाली के निवासी थे पाठक
मूल रूप से बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले बिंदेश्वर पाठक को वर्ष 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में उनका नाम शामिल था. उन्हें एनर्जी ग्लोब समेत कई दूसरे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है.
850 शौंचालय और स्नानघर बनवाए
बिंदेश्वर पाठक द्वारा अपनी संस्था सुलभ के नाम से देशभर में 850 शौंचालय व स्नानघर बनवाए गए हैं. जिनका उपयोग करने के लिए लोगों को आज के समय में शौंच के लिए 5 रुपए तथा स्नान करने के लिए 10 रुपए खर्च करने पड़ते हैं. इतना ही नहीं कई स्थानों पर शुल्क भी नहीं लिया जाता.
HIGHLIGHTS
- सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक का निधन
- डॉ. बिंदेशवरी पाठक ने ली अंतिम सांस
- दिल्ली स्थित AIIMS में ली अंतिम सांस
- कार्डियक अरेस्ट के बाद ले जाया गया था AIIMS
Source : News State Bihar Jharkhand