गणतंत्र दिवस को देखते हुए किशनगंज में जांच अभियान तेज कर दिया गया है. आरपीएफ जवानों ने चार बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है. रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर की गई कार्रवाई के बाद बीएसएफ के साथ-साथ देश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं. बीएसएफ और सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार घुसपैठियों से पूछताछ की. हालांकि पूछताछ में मिली जानकारी का अबतक खुलासा नहीं किया गया है. पूछताछ के बाद सभी को रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया गया. जहां उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है.
ऐसे पार की तारबंदी पकड़े गए घुसपैठिए बांग्लादेश के ठाकुरगांव जिले के सिनीहारी तालतोड़ी रूईया के रहने वाले बताए जा रहे हैं. इनके नाम अमल चंद्र बर्मन, रोबिन बर्मन, सुमन दास, मो.अजीजुल हैं. ये चारों बेरोजगारी से तंग आकर रोजगार के लिए पंजाब जा रहा थे. बांग्लादेश में सक्रिय दलाल रूईया निवासी फजलू और हबी ने तारबंदी को पार करने में उनकी मदद की थी. दलालों ने झूले के सहारे उन्हें तारबंदी के पार भेजा था. जहां से वे जुगाड़ गाड़ी और ऑटो से किशनगंज पहुंचे थे और रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर चंडीगढ़ एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे थे, लेकिन इसी बीच गस्त कर रहे आरपीएफ जवानों को उनकी संदिग्ध गतिविधियों को देख कर शक हो गया.
घुसपैठियों के पास थी एक पर्ची पूछताछ के दौरान आरोपी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए जिसके बाद जवानों का शक गहरा गया और उन्हें पूछताछ के लिए आरपीएफ थाना लाया गया, लेकिन तलाशी के दौरान उनके पास से ना ही कोई सामान बरामद किया गया और ना ही पहचान पत्र और रेल टिकट. तलाशी के दौरान जवानों ने बांग्लादेशी दलाल के द्वारा एक कागज में भारतीय सीमावर्ती गांव की जानकारियां लिख कर दी गई थी. जिसे आरपीएफ ने जब्त कर लिया.
लुधियाना से जुड़े हैं तार इसके साथ ही बिना सिमकार्ड का तीन मोबाइल सहित 8.5 हजार भारतीय रुपये भी बरामद किए गए हैं. पूछताछ के दौरान घुसपैठियों ने बताया कि लुधियाना में सक्रिय लतीफ नामक व्यक्ति बांग्लादेश में अपने गुर्गों के जरिए बांग्लादेशी युवाओं को सीमा पार करा कर भारत के विभिन्न स्थानों पर भेजता है. बहरहाल, आरोपियों के सनसनीखेज खुलासे के बाद खुफिया ऐजेन्सियों ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है.