sultanganj bridge collapsed: बिहार में गिरते पुलों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शनिवार की सुबह फिर से सुल्तानगंज में बन रहा फोरलेन पुल का एक हिस्सा अचानक से भरभराकर गिर गया. यह पुल पहली बार नहीं बल्कि तीसरी बार गिरा है. 1710 करोड़ की लागत से बन रहे इस फोरलेन पुल की गिरने की वजह पानी का तेज बहाव बताया जा रहा है. पुल का पिलर नंबर 9 गंगा नदी में गिरकर बह गया. यह पुल तीन सालों में तीन बार गिर चुका है. वहीं, पुल गिरने के बाद स्थानीय लोग वहां एकत्रित हो गए.
सुल्तानगंज में बन रहा फोरलेन पुल गिरा
घटना पर ग्रामीणों ने बताया कि पानी के तेज बहाव के चलते अचानक पिलर नंबर 9 ढह गया और पानी में समा गया. बता दें कि 2015 में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. हालांकि इस हादसे में कोई हताहत की खबर सामने नहीं आई है. वहीं, पुल के गिरने के बाद से कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी मौके से फरार हो गए हैं.
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तीसरी बार गिरा पुल
आपको बता दें कि 2023 में इस पुल का पिलर नंबर 9, 10, 11 और 12 गिर गया था. 2022 में पुल का पिलर नंबर 5 ध्वस्त हो गया था. शनिवार की सुबह एक बार फिर से पुल का पिलर नंबर 9 गिर गया और जलमग्न हो गया. जिस वक्त यह हादसा हुआ, पुल पर निर्माण कार्य चल रहा था.
पुल गिरने से मचा हड़कंप
हालांकि घटना में किसी प्रकार की कोई जानमाल की क्षति नहीं हुई है. जैसे ही पुल गिरने की सूचना पुलिस और प्रशासन को मिली, वह मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्य शुरू किया. अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर घटना की वजह क्या थी. वहीं, पुल गिरने की वजह निर्माण कार्य में लापरवाही भी बताई जा रही है. यह पुल सहरसा, खगड़िया और मधेपुरा को जोड़ता है.
बिहार सरकार ने लगातार गिर रहे पुलों को लेकर लिया बड़ा फैसला
आपको बता दें कि एक के बाद एक गिरते पुलों के बाद बिहार जल संसाधन विभाग ने पुलों के निर्माण के लिए नया SOP तैयार किया है. जिसके तहत तय मानक के अनुरूप पुलों का निर्माण किया जाना है. अब प्रदेश में पुल बनाने से पहले स्ट्रक्चर निर्माण के लिए जल संसाधन विभाग से एनओसी लेनी पड़ेगी.