बिहार में गंगा को छोड़कर अन्य प्रमुख नदियों के जलस्तर में हो रही कमी के कारण उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति में अब सुधार हो रहा है. इस बीच गंगा के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए कई इलाकों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है. राज्य में फिलहाल 16 जिलों के 81.79 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है. जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बागमती, बूढ़ी गंडक सहित कई नदियों के जलस्तर में कमी के कारण उत्तर बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति में सुधार हो रहा है. हालांकि कई नदियां अभी भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
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भागलपुर के कहलगांव में खतरे के निशान में ऊपर बह रही है
उन्होंने कहा कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है. गंगा शुक्रवार को सुबह पटना के गांधीघाट और हाथीदह में तथा भागलपुर के कहलगांव में खतरे के निशान में ऊपर बह रही है. पटना के दियारा के कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इधर, बागमती, बूढ़ी गंडक, घाघरा के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन कई स्थानों पर ये खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति में अब सुधार हो रहा है. बूढ़ी गंडक खगड़िया में छोड़कर अन्य स्थानों पर 'फॉलिंग ट्रेंड' में है. बागमती में भी जलस्तर में कम होने की प्रवृत्ति बनी हुई है.
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समस्तीपुर में पांच राहत शिविर चलाए जा रहे हैं
इधर, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 16 जिले के कुल 130 प्रखंडों की 1,317 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं, जहां जरूरत के हिसाब से राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खगड़िया में एक और समस्तीपुर में पांच राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 5,186 लोग रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि 443 सामुदायिक रसासेईघर चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 3,25,610 लोग भोजन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ से अब तक 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि 86 पालतू पशुओं की मौत हो चुकी है. बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टीमें राहत व बचाव का कार्य कर रही हैं.