बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. राज्य सरकार किसानों की आय को पहले से और अधिक बढ़ाने के लिए अब परंपरागत खेती के अलावा उद्यानिकी और मसाले फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके अंतर्गत ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है. फसलों की खेती की कुल लागत के हिसाब से प्रदेश सरकार 50 फीसदी सब्सिडी देगी. राज्य के किशनगंज स्थित ठाकुरगंज में ड्रैगन फ्रूट के अनुकूल मिट्टी और जलवायु है. यहां 10 एकड़ में इसकी खेती की जा रही है. खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्षेत्र विस्तार के लिए सब्सिडी दी जा रही है.
उद्यान विभाग के सहायक निर्देशक रजनी सिन्हा ने बताया कि उद्यान निदेशालय की ओर से राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना चलाई जा रही है. ड्रैगन फ्रूट की अच्छी पैदावार को देखते हुए विभाग के द्वारा इस वर्ष इस खेती के क्षेत्र विस्तार के लिए दो हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. इसमें प्रति यूनिट एक लाख पच्चीस हजार रुपए लागत है. जिसमें सरकारी 50 फीसदी सब्सिडी को दो किस्तों में दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में पहला किस्त 75 फीसदी, वहीं दूसरी किस्त में 25 फीसदी सब्सिडी किसानों को मिलेगी. उद्यान विभाग के पदाधिकारी ने किसानों को इसकी खेती के लिए और अनुदान का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अपील की है.
ड्रैगन फ्रूट का स्वाद काफी अच्छा होता है. इसके गुणकारी लाभों के कारण देश में इसकी मांग काफी बढ़ गई है. पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में इसका सर्वाधिक उत्पादन किया जा रहा है. ड्रैगन फ्रूट का उपयोग ताजे फल के रूप में करने के अलावा जैम, आइसक्रीम, जैली प्रोडक्शन, फ्रूट ज्यूस, वाइन आदि बनाने में किया जाता है.
Source : Gandharv Jha