Advertisment

बांस की खेती को प्रोत्साहित कर रही सरकार, किसानों को समृद्ध बनाने की नई पहल

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की बड़ी आबादी खेती किसानी कर अपनी आजीविका चला रही है.

author-image
Vineeta Kumari
New Update
bamboo

बांस की खेती को प्रोत्साहित कर रही सरकार( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की बड़ी आबादी खेती किसानी कर अपनी आजीविका चला रही है. देश के कृषि प्रधान होने के बावजूद यहां के अधिकांश किसानों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. ऐसे में सरकार किसानों को वैसे फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिले. इसमें बांस की खेती भी शामिल है, जिसमें मेहनत बहुत कम और कमाई बहुत ज्यादा है. किसानों की मदद के लिए सरकार बांस की खेती को प्रोत्साहित कर रही है. इसी को लेकर भागलपुर के टीएनबी कॉलेज में देश का पहला बम्बू टिश्यू कल्चर लैब स्थापित किया गया है, जहां बड़े पैमाने पर मीठे बांस के पौधे को तैयार किया जा रहा है. इस काम में वन विभाग भी अहम भूमिका निभा रही है.

यह भी पढ़ें- अतिक्रमण को लेकर सख्त हुई प्रशासन, लग जाएगा भारी जुर्माना

सरकार बांंस की खेती के लिए किसानों को कर रही प्रोत्साहित

बम्बु टिशू कल्चर लैब से तैयार मीठे बांस को प्रदेश के विभिन्न जिलों में जैसे छपरा, सिवान, पूर्णिया सहित कई जगहों पर भेजे गए हैं. सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि पहले जहां बांस जंगलों और झाड़ियों में दिखाई देती थी. वहीं, अब बड़े पैमाने पर किसान इसकी खेती के लिए आकर्षित हो रहे हैं. राष्ट्रीय बांस मिशन और राज्य बांस मिशन के अंतर्गत वन विभाग बड़े पैमाने पर मीठे बांस के पौधे लगवाएगा. इसके लिए किसानों को वन विभाग से 10 रुपये में यह पौधे मिलेंगे. 3 साल के बाद फिर से इसकी जान की जाएगी. यदि किसानों द्वारा लगाए गए 50% से अधिक पौधे बचे रहते हैं, तो वन विभाग की ओर से देखभाल के लिए प्रति पौधा 60 रुपये दिए जाएंगे और बांस के पौधे की कीमत भी वापस कर दिए जाएंगे. 

बांस से कैसे होगी बंपर कमाई?

किसानों को 10 रुपये में मिलेंगे पौधे
3 साल बाद पौधों की होगी जांच
50 फीसदी से अधिक पौधे होने पर 60 रुपये मिलेंगे
एक बार में दो लाख पौधों को तैयार किया जाएगा
एक बार की लागत से 100 साल मुनाफा

टिशू कल्चर लैब के हेड प्रोफेसर डॉ अजय चौधरी के मुताबिक बांस की खेती से कई फायदे होते हैं. बांस का पौधा सबसे अधिक तेजी से बढ़ता है, जिससे ये ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड एब्जॉर्ब करता है और ऑक्सीजन की अधिक मात्रा देता है. वहीं, इसकी खेती से बिहार में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. बांस का उपयोग पेपर इंडस्ट्री, फर्नीचर और दूसरे अन्य जरूरी सामान भी बनाए जा सकते हैं. बांस से एथेनॉल भी अधिक मात्रा में तैयार किया जाता है. मीठे बांस से आचार, चिप्स, और कैंसर की दवाई भी तैयार की जा रही है.

बांस की खेती के फायदे-

बांस का पौधा तेजी से बढ़ता है
तेजी से कार्बन डाइऑक्साइड एब्जॉर्ब करता है
ऑक्सीजन की अधिक मात्रा देता है
बांस से पेपर इंड्स्ट्री को बढ़ावा मिलता है
फर्नीचर और दूसरे सामान बनाए जा सकते हैं
बांस से एथेनॉल भी तैयार किया जाता है
मीठे बांस से आचार चिप्स और दवाई तैयार होती है

बांस की खेती से हो रहे जबरदस्त फायदे को देखते ही सरकार बांस की खेती को प्रोत्साहित कर रही है. जिसमें टीएनबी का बम्बु टिशू कल्चर लैब अहम भूमिका निभा रहा है. अगर लैब अपने उद्देश्यों में सफल रहता है, तो भारत के किसान भी समृद्ध हो जाएंगे. जिसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पडे़गा.

HIGHLIGHTS

बांस का पौधा तेजी से बढ़ता है
तेजी से कार्बन डाइऑक्साइड एब्जॉर्ब करता है
ऑक्सीजन की अधिक मात्रा देता है

Source : News State Bihar Jharkhand

farmers bihar latest news Farmers Indian Farmers bamboo cultivation bamboo cultivation in bihar
Advertisment
Advertisment
Advertisment