बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की मुख्य परीक्षा में एक ऐसा सवाल पूछा गया जिसे लेकर आयोग को आलोचना का शिकार होना पड़ा. बीपीएससी की परीक्षा में राज्यपाल की भूमिका को लेकर एक सवाल किया गया था. सवाल था क्या राज्यपाल केवल कठपुतली भर है? रविवार को बीपीएससी की 64वीं मुख्य परीक्षा हुई, जिसमें विवादित सवाल किया गया.
सोशल मीडिया पर इस प्रश्न को लेकर आयोग को ट्रोल किया जा रहा है. कई यूजर्स आयोग की आलोचना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस प्रश्न से एक संवैधानिक पद की भूमिका पर ही सवाल उठ रहे हैं. वहीं, कई लोग राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
यह सवाल मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन पेपर नंबर दो में पूछा गया. एग्जाम में पूछा गया सवाल कुछ इस तरह था- भारत में राज्य की राजनीति में राज्यपाल की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए, विशेष रूप से बिहार के संदर्भ में. क्या वह केवल एक कठपुतली हैं?
एक अन्य सवाल में पूछा गया है कि भारतीय संविधान अपनी प्रस्तावना में भारत को एक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है. इसके साथ इस घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए कौन-कौन से संवैधानक उपबंध दिए गए हैं.
इसे भी पढ़ें:लोकसभा ने एनआईए संशोधन विधेयक 2019 को दी मंजूरी, सदन में ध्वनिमत से पारित
हालांकि पहले सवाल में राज्यपाल के लिए 'कठपुतली' जैसे शब्द के इस्तेमाल को लेकर विवाद शुरू हुआ.
बता दें कि लोकसेवा आयोग की परीक्षा में इस तरह के आलोचनात्मक सवाल किए जाते हैं. इसके पीछे मंशा होती है कि विद्यार्थी अवधारणात्मक रूप से सही जवाब दे सके.