पहली बार अनाज एवं अनब्रांडेड खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी (GST) लागू हो गई है. चावल आटा गेहूं मैदा सूजी सहित अन्य सामानों पर भी 5% जीएसटी लगने लगा है. केंद्र सरकार के इस निर्णय से घर का बजट बिगड़ने लगा है. घरेलू गैस सिलेंडर के आसमान छूते दाम के बाद घर के बजट में आटा, चावल और दाल के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर इसका असर देखा जा रहा है. घरेलू महिलाओं का कहना है कि पहले से ही केंद्र सरकार खाद्यान्न वस्तुओं पर लगातार दाम बढ़ाती रही है और अब 5% जीएसटी के साथ घरेलू सामानों पर ऊपर से लगेगा
ऐसे में मध्यमवर्गीय लोगों को उनके घरेलू सामानों में ही कटौती करना पड़ेगा. साथ ही महिला बताती है कि पहले रसोई गैस की कीमतों ने मध्यम वर्गीय परिवार के घरों का बजट बिगड़ चुका है. सरकार को इस निर्णय पर एक बार विचार करना चाहिए.
वहीं, रोजमर्रा के जीवन यापन करने वाले मध्यम वर्गीय परिवार के एक सदस्य का कहना है कि सरकार और शुरू से ही रोजमर्रा के जीवन यापन करने वाले लोगों के जेब से कटौती करती जा रही है. पेट्रोल की कीमतों में उछाल रहती है तो कभी रसोई गैस की कीमत में ऐसे में आम लोगों का जीवनयापन करना मुश्किल होता जा रहा है. जीएसटी लगने के साथ ही महंगाई और बढ़ेगी, इसमें आम आदमी पर बोझ बढ़ेगा.
इन सब खाद्य वस्तुओं को जीएसटी में शामिल कर दिया गया है और पांच परसेंट के स्लैब में रखा है. कारोबारी द्वारा दाल-दलहन एवं अन्य खाद्यान्नों पर 5 % जीएसटी (GST) लगाने का विरोध किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau