एच3एन2(हांगकांग फ्लू) एक तरह का इन्फ्लूएंजा है, जो तेजी से फैल रहा है. इस वायरस के लक्षण कुछ-कुछ कोविड-19 की तरह ही है. हाल ही में अगमकुआं स्थित आरएमआरआई के ओपीडी में इन्फ्लूएंजा की जांच की गई तो उसमें एक केस पॉजिटिव भी पाया गया. संस्थान के निदेशक डॉ कृष्णा पांडेय ने बताया कि एच3एन2 वायरस (H3N2 influenza Virus) को लेकर आईसीएमआर द्वारा गाइडलाइंस जारी की गई है. फिलहाल संस्थान में जो किट उपलब्ध है, उसी से जांच किया जाएगा. यदि इन्फ्लूएंजा जांच के लिए मरीज़ों की संख्या बढ़ती है तो आईसीएमआर से किट की मांग की जाएगी. फिलहाल संस्थान के ओपीडी में सर्दी-खांसी से पीड़ित मरीज अधिक आ रहे हैं.
किन्हें ज्यादा खतरा
उन्होंने बताया कि इन्फ्लूएंजा A, B और C तीन प्रकार के हैं. जिसमें इन्फ्लूएंजा A का ही वेरियंट H3N2 है. उन्होंने बताया कि यह वेरियंट वैसे मरीजों को दिक्कत कर सकता है, जिनमें आईएलडी पहले से है या फेफड़े की बीमारी हो या फिर 70 वर्ष से अधिक उम्र के या छोटे बच्चे हो. डॉ पांडेय ने बताया कि डायबिटीज और हाइपरटेंशन पीड़ित या एंटी कैंसर ड्रग्स सेवन करने वाले की इम्यूनिटी पॉवर कम हो जाती है. H3N2 इन्फ्लूएंजा, कोरोना वायरस से मिलता जुलता है. हालांकि अभी यह आसानी से ठीक हो जा रहा है. उन्होंने बताया कि संस्थान और एनएमसीएच के ओपीडी में कुछ केस मिले थे. पिछले 25 सैम्पल की जांच में मात्र एक केस पॉजिटिव मिला था. जिसे इलाज के बाद स्वस्थ्य कर दिया गया था.
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क्या है लक्षण
डॉ. पांडेय ने बताया कि इस वायरस से ग्रसित होने पर मरीज को ठंड लगती है. खांसी होती है. बुखार भी आ सकता है. उल्टी आने जैसा, जी मिचलाना महसूस होने लगता है. साथ ही गले में दर्द रहने लगता है. शरीर की मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है. कई मामलों में मरीज को दस्त की भी शिकायत होने लगती है. छींक आना और नाक बहना भी इस वायरस से ग्रसित होने का लक्षण है. डॉ पांडेय ने बताया कि यदि सांस लेने में दिक्कत हो या फिर गले से खाना नहीं उतरे तो मरीज को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. ऐसे लक्षण वाले पीड़ित को खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्हें तरल पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए. साथ ही इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि शरीर में पानी की कमी न हो. वहीं, खानपान में बदलाव करते हुए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली संतरा, हल्दी, नींबू का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए. ताकि इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायता मिल सके.
जांच की है सुविधा
निदेशक डॉ पांडेय ने बताया कि H3N2 वायरस की जांच के लिए आरएमआरआई में पूरी व्यवस्था है. एक सप्ताह में 20 से 25 सैम्पल संग्रह कर जांच किए जा रहे हैं. मार्च माह में एच3एन2 पीड़ित एक महिला संक्रमित मिली है, जबकि एच1एन1 वायरस के तीन केस मिले हैं. एनएमसीएच, पीएमसीएच और एम्स पटना से आए सैम्पलों की जांच होती है. संस्थान के वायरोलॉजी विभागाध्यक्ष सह वैज्ञानिक डॉ. गणेश चन्द्र साह ने बताया कि एच3एन2 वायरस की जांच के लिए किट को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल भेजा जाता है. उसी किट से संक्रमण का पता लगाया जाता है. लक्षण दिखे जाने पर मरीज की नाक में रुई की बनी सोआव डालकर सैम्पल संग्रह किया जाता है. उसके बाद किट के जरिए 48 घंटे में जांच कर रिपोर्ट दी जाती है. उन्होंने बताया कि सोमवार की दोपहर तक 21 सैम्पल की जांच की गई है. संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. कमल सिंह, वैज्ञानिक डॉ आशीष कुमार, रिसर्च असिस्टेंट डॉ भावना पीएमसीएच, एनएमसीएच और एम्स पटना से आए सैम्पल की जांच करते हैं. जब 25 सैम्पल इकट्ठे हो जाते हैं तो पहले इन्फ्लूएंजा की जांच की जाती है.
रिपोर्ट : आनन्द कुमार
HIGHLIGHTS
- कोविड-19 जैसे H3N2 वायरस के लक्षण
- हाल ही में आया था एक पॉजिटिव केस
- जानिए क्या है इस वायरस के लक्षण
Source : News State Bihar Jharkhand