बिहार (Bihar) में औरंगाबाद की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों में से एक अक्षय कुमार की पत्नी की याचिका पर सुनवाई 24 मार्च तक बृहस्पतिवार को टाल दी. पत्नी ने अदालत में याचिका दायर करते हुए तलाक मांगा है और कहा है कि वह एक बलात्कारी की विधवा नहीं कहलाना चाहती. याचिकाकर्ता पुनीता देवी के वकील ने बताया कि उनकी मुवक्किल अक्षय सिंह से आखिरी बार मिलने के लिए दिल्ली (Delhi) रवाना हो गई है. इसके बाद यहां पारिवारिक अदालत ने सुनवाई टाल दी.
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गौरतलब है कि निर्भया केस के दोषी अक्षय सिंह को शुक्रवार को फांसी होनी है. उसके वकील ने यह भी बताया कि अक्षय को फांसी होने और उसके अंतिम संस्कार के बाद याचिकाकर्ता के लौटने की संभावना है. अदालत ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए कहा कि मामले में सुनवाई के लिए याचिकाकर्ता का शारीरिक रूप से मौजूद रहना आवश्यक है.
पुनीता देवी कहती रही है कि उसका पति निर्दोष है और तलाक याचिका से अटकलें लगाई जा रही है कि यह मौत की सजा में देरी करने की चाल है. अक्षय सिंह पटना से करीब 225 किलोमीटर दूर बिहार के औरंगाबाद जिले में लहानकर्मा गांव का रहने वाला है. बता दें कि 2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवी ने औरंगाबाद की एक स्थानीय अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी.
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उधर, दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दोषियों की किसी भी अदालत ने कोई याचिका लंबित नहीं है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है.
मामले के चारों दोषियों में से तीन ने उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था और कहा था उनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है. गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी.
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