शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की तस्वीरें तो आए दिन सामने आती रहती हैं. स्कूल की बिल्डिंग जर्जर, स्कूल में टीचर की कमी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव जैसी खबरें तो आती रहती हैं. वहीं, लातेहार का एक स्कूल दोहरी मार झेल रहा है. एक तरफ शिक्षा विभाग की अनदेखी से स्कूल के कमरे जर्जर हालत में हैं तो दूसरी ओर भू माफिया ने बच्चों के भविष्य को बिगाड़ने का ठेका ले लिया है. लातेहार के हंरहंज इलाके में शिक्षा के मंदिर के बाहर अवैध कब्जे की तस्वीर अधिकारियों को नजर नहीं आ रही. नवादा के सरकारी स्कूल के पास सरकारी जमीन पर भू माफिया पर कब्जा करना चाहता है.
सरकारी जमीन पर दुकान-मकान
सरकारी स्कूल के पास सरकारी जमीन पर दुकान और मकान बनाकर स्कूल की रौशनी को रोका जा रहा है. सामने की दुकानों और मशीनों से होने वाले शोर में बच्चों की पढ़ाई भी बर्बाद हो रही है. शिकायत के बावजूद अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं. स्कूल के पास सरकारी गैरमजरूआ जमीन पर अवैध कब्जे की वजह से बच्चों को पढ़ाई में परेशानी तो हो ही रही है. खेलकूद के लिए जो जगह बची थी, अब अवैध कब्जे की भेंट चढ़ चुकी है. स्कूल के अंदर मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है, जिससे छात्र छात्राओं को हर रोज दो चार होना पड़ता है.
कई बार की गई शिकायत
लातेहार के इस स्कूल में क्लास एक से 8 तक 237 बच्चे हैं, जिसमें अनुसूचित जाति के 77, अनुसूचित जनजाति के 51, पिछड़ा वर्ग के 52, अल्पसंख्यक समुदाय के 57 बच्चे शामिल हैं. कुल 237 बच्चों में 102 छात्र और 135 छात्राएं हैं. स्कूल में बने कुछ कमरे जगह की कमी की वजह से सिर्फ 3 कमरों में ही बच्चों को बिठाकर पढ़ाया जाता है. स्कूल की मूलभूत सुविधाओं और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन असर ढाक के तीन पात.
नींद में अधिकारी
नवादा के उत्क्रमित मध्य विद्यालय की जमीन 50 डिसमिल है. इसके बाद सरकारी गैरमजरूआ जमीन है और यही जमीन भू माफिया के कब्जे से मुक्त हो जाए, तो बच्चों का भविष्य भी बन जाए और सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण भी हट जाए, लेकिन उसके लिए अधिकारियों को नींद से जागना होगा.
रिपोर्ट : संजीव कुमार
HIGHLIGHTS
- भू माफिया बिगाड़ रहे हैं बच्चों का भविष्य
- स्कूल के बाहर सरकारी जमीन पर हो रहा कब्जा
- सरकारी जमीन पर दुकान-मकान
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