पटना के नेपाली नगर में दो दिनों से दर्जनों बुलडोजर एक के बाद एक मकान ढहा रहे हैं. 400 एकड़ की भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर यह पूरी कार्रवाई चल रही है, जिसमें 70 मकान तोड़े जा चुके हैं. पटना हाईकोर्ट ने राजीव नगर में अतिक्रमणकारियों पर प्रशासन की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है. इस मामले में 6 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. पटना के राजीव नगर थाना क्षेत्र स्थित नेपाली नगर इलाके में आवास बोर्ड की 400 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर चल रही जिला प्रशासन की कार्रवाई पर अगले दो दिनों के लिए रोक रहेगी. सोमवार की शाम जिला प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगाने का स्टे ऑर्डर लेकर अधिवक्ता खुद मौके पर पहुंचे, जिसके बाद जिला प्रशासन ने मकानों को तोड़ने की कार्रवाई रोक दी. 6 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई होने तक जिला प्रशासन नेपाली नगर में किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर सकेगा.
48 साल पुराना है इन इलाकों में जमीन का विवाद
1974 में अधिग्रहण की हुई थी शुरुआत. 1984 में आवास बोर्ड के फैसले को वैध ठहराया था कोर्ट ने, 2014 में नई नियमावली बनाई गई, 1024 एकड़ जमीन की खरीद बिक्री पर सरकार की ओर से रोक है. दीघा के 1024. 52 एकड़ जमीन को लेकर बिहार राज्य आवास बोर्ड अधिग्रहण का मामला 48 वर्ष से अधिक पुराना है. 1974 में इसकी अधिग्रहण की शुरुआत हुई थी. बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से 1974 में दीघा के 1024 एकड़ को लेकर भूमि अधिग्रहण अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन वहां के निवासियों ने इसे अस्वीकार कर दिया था.
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा
मामला निचली अदालत होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने 1984 में अवार्ड आवास बोर्ड के फैसले को वैध ठहराया था. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से दीघा अर्जित भूमि अधिनियम 2013 लाया गया, वर्ष 2014 में इसकी नियमावली बनी. दीघा की पूरी जमीन को 600 एकड़ और 400 एकड़ में बांटकर अलग-अलग नियम लगाए गए. दीघा रोड के पूर्व राजीव नगर के 600 एकड़ मुआवजा राशि लेकर सेटलमेंट करने के लिए नियम लगाए गए. वहीं सड़क के पश्चिम नेपाली नगर के 400 एकड़ में आवास बोर्ड द्वारा टाउनशिप विकसित करने और सरकारी एजेंसियों का कार्यालय और आवास निर्माण करने के लिए जमीन देने की बात तय की गई.
दीघा में जमीन की खरीद-बिक्री पर है रोक
दीघा के पूरे 1024 एकड़ क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री पर राज्य सरकार की ओर से रोक है. इस क्षेत्र की जमीन की रजिस्ट्री जिला निबंधन कार्यालय में नहीं होती है. बावजूद इसके जमीन की खरीद बिक्री के लिए लोग पावर ऑफ अटॉर्नी का प्रयोग करते हैं. राजीव नगर दीघा की जमीन की रजिस्ट्री लोग वर्षों से कोलकाता या मुंबई से कराते रहे हैं. ऐसे में कई जमीनों पर आवास बोर्ड के दावा के अलावा थर्ड पार्टी विवाद भी है. लोगों में आपसी संघर्ष भी होते रहते हैं.
HIGHLIGHTS
- 400 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जों पर चल रही कार्रवाई
- दीघा में जमीन की खरीद-बिक्री पर सरकार की है रोक