अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में शहीद फौजी की मां को अद्भुत सम्मान दिया गया. स्थानीय लोगों ने अपने हाथ पर शहीद की मां के कदम रखवाते हुए उन्हें मूर्ति पर माल्यार्पण व पूजा करने के लिए लेकर पहुंचे. गलवान घाटी की मुठभेड़ में शहीद हुए जवान की मां को सम्मान दिया गया. देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में सबसे पहले सम्मान का हक उन्हें है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण की आहुति दी है. ऐसे ही एक वीर अमर जवान की मां का अद्भुत सम्मान स्थानीय लोगों द्वारा किया गया. शहीद की मां के चलने के रास्ते में लोगों ने अपनी हथेली बिछा दी, जिस पर चलते हुए शहीद की मां अपने पुत्र के मूर्ति पर माल्यार्पण और पूजा करने पहुंची.
यह नजारा वैशाली जिले के चकफतेह गांव में दिखा. जहां गलबान घाटी में दो साल पूर्व चीनी सेना से मुठभेड़ करते हुए शहीद हुए जयकिशोर सिंह की मां को देशभक्त युवाओं ने अपने हथेली पर चला कर शहीद की प्रतिमा पर पुष्पांजली करने के लिए पहुंचाया. गांव के युवाओं का जज्बा देख तालियों की गरगराहट से पूरा माहौल देशभक्ति से ओतप्रोत हो गया. वहीं ऐसा सम्मान पाकर शहीद जय किशोर सिंह की मां को बेहद गर्व की अनुभूति हुई और स्मारक पर पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए रोने लगी.
दरअसल, अमृत महोत्सव के मद्देनजर हर घर तिरंगा अभियान को लेकर कई गांव के युवा शहीद के घर तिरंगा देने आये थे. उसी दौरान घर के पास स्थित शहीद के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित किया. युवाओं के जज्बे को देख शहीद जय किशोर सिंह की मां मंजू देवी को रहा न गया. वह भी पुष्पांजलि अर्पित करने आयी तो देश भक्त युवाओं ने शहीद की मां के पैरों को जमीन पर रखने ही नहीं दिया और अपने हाथों की तलहटी पर चला कर शहीद के स्मारक तक ले गये. इस दौरान देश भक्ति गाना भी बजता रहा. बेहद भावुक इस पल को देख रहे स्थानीय लोगों की आंखें भी नम हो गई.
वहीं अमर शहीद की मां मंजू देवी ने कहा कि आज लगा कि मेरे बेटे की शहादत बेकार नहीं गयी है.
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