जब से शिक्षा विभाग के एसीएस पद का कार्यभार IAS KK Pathak द्वारा संभाला गया है तभी से शिक्षा विभाग में एक के बाद एक कई बड़े बदलाव हो रहे हैं. केके पाठक धड़ाधड़ फैसले ले रहे हैं. ताजा मामले में उन्होंने निजी कोचिंग संचालकों पर सिकंजा कसा है. अब कोचिंग संचालकों को अपने शिक्षण संस्थान का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. दरअसल, बिहार के शिक्षा विभाग ने बिहार कोचिंग संस्थान नियंत्रण और विनियमन नियमावली 2023 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. विभाग द्वारा लोगों से उनके सुझाव भी मांगे गए हैं और एक सप्ताह के बाद नियमावली को लागू कर दिया जाएगा.
नियमावली जारी होने के 30 दिन के अंदर कोचिंग संचालकों को रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना अनिवार्य होगा. अब किसी भी कोचिंग संस्थान के आवेदन पर कोचिंग में छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला पंजीकरण समिति द्वारा आवेदन करने वाले कोचिंग संस्थान के रजिस्ट्रेशन पर फैसला लेना होगा. इतना ही नहीं अगर कोचिंग द्वारा अप्लाई किए जाने के रजिस्ट्रेशन रद्द होता है और अगर कोचिंग का संचालन होता रहता है तो उसकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी साथ ही 6 माह के अंदर अगर कोचिंग संचालक द्वारा जुर्माना नहीं भरा जाता है तो संपत्ति नीलाम भी कर दी जाएगी. कुल मिलाकर यह कहना सही होगा कि अब बिहार में सिर्फ शिक्षा विभाग द्वारा रजिस्टर्ड कोचिंग संस्थान ही संचालित हो सकेंगे.
बताते चलें कि शिक्षा विभाग के एसीएस का पद संभालने के बाद से ही लगातार IAS KK Pathak शख्त निर्णय ले रहे हैं. लापरवाह शिक्षकों पर कार्यवाही करने से लेकर, उनके वेतन की कटौती करने, स्कूली बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करने, अच्छे गुणवत्ता वाले मिड डे मिल के संबंध में कार्यवाही करने, शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने, तमाम जिलों में जाकर स्कूलों का औचक निरीक्षण करने समेत कई काम केके पाठक द्वारा ऐसे किए जा रहे हैं जो शायद ही किसी अधिकारी ने किए हों.
HIGHLIGHTS
- IAS KK Pathak का एक और निर्णय
- अब कोचिंग संचालक नहीं कर सकेंगे मनमानी
- कोचिंग संस्थानों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन
- रजिस्ट्रेशन कैंसिल होने पर बंद करना होगा कोचिंग संस्थान
- बिना रजिस्ट्रेशन वाले कोचिंग संस्थान नहीं संचालित होंगे
Source : News State Bihar Jharkhand