बिहार में अगर किसी नौकरशाह का नाम छाया हुआ है तो वह है IAS केके पाठक का नाम. शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद से ही केके पाठक लगातार एक्शन में हैं. एक्शन के क्रम में उन्होंने शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर को भी नहीं छोड़ा. उनके पीएम को भी शिक्षा विभाग में ना जाने का फरमान जारी कर रखा है. लगातार एक के बाद एक एक्शन केके पाठक धड़ाधड़ ले रहे हैं. ताजा मामले में बिहार के उन शिक्षकों की चिंता केके पाठक ने बढ़ा दी है जो सरकारी शिक्षक की नौकरी को अपनी बपौती समझने का भूल कर बैठे हैं. दरअसल, ऐसे शिक्षकों के खिलाफ केके पाठक ने कड़ी कार्रवाई की है जो बिना सूचना के या फिर बिना छुट्टी लिए ही छुट्टी करते रहे हैं. ऐसे सैकड़ों शिक्षकों का वेतन काटने का आदेश आईएएस केके पाठक द्वारा दिया गया है.
ये भी पढ़ें-तुष्टिकरण की राजनीति में दहक रहा बिहार: विजय सिन्हा
स्कूल और कॉलेजों से बिना छुट्टी के गायब रहने वाले शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के खिलाफ केके पाठक लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. केके पाठक के एक्शन में आने की वजह से बिहार के शिक्षकों में एक अजीब सा खौफ है. ताजा मामले में शिक्षा विभाग की तरफ से सभी अंगीभूत और डिग्री कॉलेजों में निरीक्षण व्यवस्था को नियमित करने का आदेश जारी किया गया है. यूनिवर्सिटी से मिली निरीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, 64 अंगीभूत और डिग्री कॉलेजों के 731 शिक्षकों समेत 23 कर्मचारियो का वेतन काटने का आदेश दिया गया है. ये वही शिक्षक और कर्मचारी हैं जो बिना छुट्टी के अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं. इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने बिना सूचना ड्यूटी से गायब पाए गए 251 शिक्षकों की सैलरी काटने का फरमान जारी किया है. ये 251 शिक्षक 26 जुलाई को बिना पूर्व जानकारी दिए स्कूलों से अपनी ड्यूटी से गायब थे. इस बीच शिक्षा विभाग ने 1 अगस्त से सभी स्कूलों में निरीक्षण अभियान को तेज करने का निर्देश सभी जिलों के DEO को दिया है.
ये भी पढ़ें-बैडमिंटन कोर्ट में हाथ आजमाते दिखे लालू, तेजस्वी ने शेयर किया वीडियो
आंगनबाड़ी में भी पढ़ाएंगे शिक्षक
अब आंगनबाड़ी केंद्र में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी पढ़ाना पड़ेगा. इस नियम को लागू करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है. के के पाठक ने जो आदेश जारी किया है. उसके अनुसार अब राज्य के सभी सरकारी शिक्षक को जरूरत पड़ने पर आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को भी पढ़ाना पड़ेगा. जिसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है. जारी किये गए पत्र में कहा गया है कि राज्य में जितने भी आंगनबाड़ी केंद्र हैं, उनको नजदीकी स्कूलों से जोड़ा जाए और जरूरत पड़ने पर जोड़े गए स्कूलों के शिक्षकों को केंद्र में आकर बच्चों को सप्ताह में एक से दो दिन पढ़ाना होगा.
HIGHLIGHTS
- धड़ाधड़ फैसले ले रहे हैं IAS केके पाठक
- अब ड्यूटी से नदारद रहनेवाले शिक्षकों का काटा वेतन
- सैकड़ों शिक्षकों के वेतन काटने के आदेश
- अब बिहार में लापरवाह शिक्षकों की खैर नहीं
Source : News State Bihar Jharkhand