बिहार में शुरू हुई जाति आधारित गणना के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए नई बेंच गठित की है. इस मामले पर जस्टिस एएस ओका और राजेश बिंदल की बेंच सुनवाई करेगी. आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना को असंवैधानिक मानते हुए इस पर अंतरिम रो लगा दी थी, जिसके बाद बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
'बहुत बड़ा' नुकसान होगा
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बिहार सरकार ने कहा है कि अगर जातीय गणना को रोका गया तो 'बहुत बड़ा' नुकसान होगा. बिहार सरकार ने कहा है कि सरकार ने कहा कि स्थगन से पूरी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. बिहार सरकार ने तर्क दिया कि जातिगत गणना संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत सवैंधानिक रूप से अनिवार्य है. संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान या अन्य आधारों पर किसी नागरिक के खिलाफ भेदभाव नहीं करेगा. वहीं, अनुच्छेद-16 के मुताबिक, सभी नागरिकों को रोजगार या राज्य के अधीन किसी कार्यालय में नियुक्ति देने के मामले में समान अवसर प्रदान किया जाएगा.
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जातीय गणना में क्या-क्या हुआ?
- दो चरणों में आयोजित की गई जातीय गणना
- पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चला
- दूसरा चरण 15 अप्रैल से 15 मई तक होना था पूरा
- दूसरा चरण पूरा होने से पहले HC में लगाई रोक
- जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद लगाई अंतरिम रोक
- पटना HC ने जातीय गणना को असंवैधानिक माना
- सरकार ने HC में दायर की इंटरलोकेटरी याचिका
- सरकार की याचिका को पटना HC ने किया खारिज
- 4 मई को HC के रोक के खिलाफ SC पहुंची सरकार
- HC की रोक के बाद बिहार सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
- सरकार ने कहा- गणना पर रोक से बहुत बड़ा नुकसान होगा
- 'गणना पर रोक से पूरी प्रक्रिया पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव'
HIGHLIGHTS
- जातीय गणना पर अहम सुनवाई आज
- सुप्रीम कोर्ट आज करेगा मामले की सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए गठित की नई बेंच
- जस्टिस एएस ओका और राजेश बिंदल की बेंच करेगी सुनवाई
Source : News State Bihar Jharkhand