बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ सरकार चला रही जनता दल-युनाइटेड (JDU) महिलाओं के जरिए फिर से राज्य में नंबर 1 की पार्टी बनने की कवायद में जुट गई हैं. जदयू जहां बूथस्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुटी है वहीं कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक महिलाओं को संगठन से जोडने का टास्क सौंपा गया है. बिहार (Bihar) में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने जमकर वोटिंग की थी. कहा भी जाता है कि महिला मतदाताओं के कारण ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बिहार में फिर से बन सकी. दीगर बात है कि चुनाव में जदयू राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. जदयू अब इन्हीं महिला मतदाताओं के जरिए राज्य में फिर से नंबर 1 की कुर्सी हथियाने के फिराक में है.
जिला संगठन का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
जदयू के 22 संगठन जिलों के प्रखंड अध्यक्षों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रविवार को संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम में पार्टी के अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने प्रखंड़ अध्यक्षों से कहा कि संगठन का पहला काम है लोगों और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जोड़ना. उन्होंने कहा, 'संगठन से महिलाओं को अधिक से अधिक जोड़ें. बूथ अध्यक्ष बनाने का काम गांवों में जाकर करें और सुनिश्चित करें कि संगठन के हर साथी की पार्टी और नेता के प्रति सौ फीसद प्रतिबद्धता हो.' उन्होंने यह भी कहा कि 'प्रखंड अध्यक्षों के बाद पंचायत अध्यक्षों का प्रशिक्षण दिया जाएगा.'
मार्च में भी हुआ था प्रशिक्षण कार्यक्रम
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 26 एवं 27 मार्च को 19 संगठन जिलों के प्रखंड़ अध्यक्षों का प्रशिक्षण हुआ था. इस तरह प्रखंड़ अध्यक्षों का प्रशिक्षण दो चरणों और चार दिनों में पूरा हुआ. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुश्वाहा कहते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री महिलाओं की मांग पर ही राज्य में शराबबंदी कानून लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद महिलाओं के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है. उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए जदयू अभियान चला रही है, जिसका लाभ महिलाओं को मिला है. उन्होंने कहा कि जदयू की सोच सत्ता में बने रहना नहीं बल्कि सामाजिक कार्य करना भी रहा है.
महिला उत्थान के लिए काम कर रही नीतीश सरकार
इधर, महिला जदयू अध्यक्ष श्वेता विश्वास कहती हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के उत्थान के लिए कई काम किए हैं. ग्राम पंचायत चुनाव में महिलाओं को आरक्षण देकर आधी आबादी को नेतृत्व देने का प्रयास किया गया. विश्वास ने कहा कि महिलाओं को अगर आधी आबादी कहा जाता है तो संगठन में भी उनकी आधी भागीदारी भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बाल विवाह, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या और शराबबंदी के खिलाफ महिला सशक्तीकरण को लेकर जिला और प्रखंड स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि आज बिहार में महिलाओं की सबसे पसंदीदा पार्टी जदयू है, यही कारण है कि महिलाओं को पार्टी से जोड़ने की रणनीति बनाई गई है. उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू राज्य भर में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है. राजग में भी उसकी सहयोग भाजपा को 74 सीटें मिली जबकि जदयू को 43 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. राजद 75 सीट लेकर सबसे बड़ी पार्टी है.
HIGHLIGHTS
- जदयू महिला मतदाताओं के सहारे चल रही नया दांव
- आधी आबादी के बल पर फिर बनेगी नंबर 1 पार्टी
- पार्टी कार्यकर्ताओं को इसके लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण