तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद कंधावली की आलोचना करना भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता को महंगा पड़ गया. मामला बिहार के शेखपुरा जिले का है. यहां मौलाना साद की आलोचना करने पर गांव के पंच ने बीजेपी के नेता से कान पकड़कर उठक बैठक करवाई. बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता ने कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के लिए तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी आलोचना की थी. जिससे गुस्साए सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोगों ने उसे पकड़ लिया और भरी पंचायत में जनता के बीच बीजेपी नेता से उठक-बैठक करवाई.
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आरोप है कि कुछ असामाजिक लोगों ने नेता की दुकान में घुसकर उसकी पिटाई कर दी और फिर उसके खिलाफ पंचायत में शिकायत कर दी. जिसके बाद पंचों के फरमान पर भाजपा अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व जिला महामंत्री अरविंद ठाकुर को कान पकड़कर उठक बैठक कराई गई. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने वीडियो बना, उसे फेसबुक पर वायरल कर दिया. इसके बाद बीजेपी नेता ने सारे थाना में दर्ज कराया गया है. थानाध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो वायरल करने का केस दर्ज किया गया. जिसमें आरोपित है.
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पीड़ित सारे थाना क्षेत्र के हरगावां गांव निवासी मुद्रिका ठाकुर के पुत्र अरविंद ठाकुर ने बताया कि उनकी वाहन के बॉडी बनाने की दुकान है. कुछ दिन पहले वह अखबार पढ़ते हुए निजामुद्दीन तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद की आलोचना कर रहे थे. जिसके बाद बदमाशों ने दुकान में घुसकर उसकी पिटाई कर दी और उन पर पिटाई का आरोप लगाते हुए पंचायत में शिकायत कर दी.
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31 मार्च को जिलानी पंचायत के मुखिया के अध्यक्षता में पंच बुलाई गई जिसमें कान पकड़कर उन्हें उठक बैठक करने की सजा दी गई. पंच का सम्मान करते हुए उन्होंने सजा स्वीकार कर ली. उसी दौरान बदमाशों ने उठक बैठक करते और पैर छूकर माफी मांगते हुए उनका वीडियो बना लिया और कुछ दिन बाद बदमाश ने वीडियो को फेसबुक पर वायरल कर दिया जिससे उनकी छवि धूमिल हुई है.वही इस घटना के बाद बीजेपी नेताओं में उबाल है.
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