गोपालगंज जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र के विक्रमपुर गांव में राजबली बासफोर (डोम जाति) सहित कई लोग बासफोर जाति के रहते हैं. यह सभी लोग बांस का सूप और अन्य सामान बनाकर बेचते हैं और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. इनका आरोप है कि गांव के ही कुछ दबंग लोगों के द्वारा पूरे परिवार को मारपीट कर गांव से भगा दिया गया है. उनके द्वारा ही आरोप लगाया जाता है कि तुम लोगों को यहां रहने से छुआछूत की बीमारी होती है और हमारे रिश्तेदार व करीबी लोग हमारे यहां नहीं आ पाते हैं. इस वजह से तुम सभी लोग घर छोड़कर चले जाओ, ऐसे में यह सभी लोगों ने स्थानीय थाना गोपालपुर में इस बात की सूचना दी. जहां पर गोपालपुर पुलिस के द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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इसके बाद पूरे परिवार के द्वारा गोपालगंज में कचहरी में शरण लिया गया है. ऐसे में सभी लोग अपने पूरे परिवार और छोटे बच्चों के साथ भूखे प्यासे कचहरी में रात और दिन गुजार रहे हैं. इनका कहना है कि गोपालगंज में भी प्रशासन से मदद मांगी है, लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल पाई है. अब सवाल यह है कि 21वीं सदी में और सुशासन बाबू की सरकार कहे जाने वाले सुशासन में अगर किसी को छुआछूत का आरोप लगाकर गांव से भगा दिया जाए तो फिर इस सुशासन की सरकार का क्या मतलब बनता है.
ऐसे में अगर इनके अधिकारी भी कार्रवाई नहीं करें तो फिर वह परिवार आखिर कहां जाएगा. हालांकि उस परिवार के लोगों ने कहा कि अगर हमें प्रशासन से मदद नहीं मिलते तो हम पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे. वह इस पूरे मामले को लेकर पूर्व खान व भूतत्व मंत्री से जनक राम से बात किया गया तो उन्होंने महागठबंधन की सरकार पर जमकर बरसते हुए दिखें.
रिपोर्टर- शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
HIGHLIGHTS
. गोपालगंज में दबंगों की दबंगई
. पूरे परिवार को गांव से भगाया
Source : News State Bihar Jharkhand