पिछले सप्ताह 11 अफगानिस्तान और दो नेपाली नागरिकों को दो किलोग्राम यूरेनियम की तस्करी के प्रयास में गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. नेपाली अधिकारियों ने आरोपी को 23 जुलाई को विराटनगर से गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए अफगान नागरिकों में से छह के पास फर्जी आधार कार्ड पाए गए. पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने कबूल किया कि वे बिहार के रास्ते भारत में यूरेनियम की खेप की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे.
इसके तुरंत बाद, नेपाल के गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि तीसरे देशों के नागरिक यूरेनियम की तस्करी के लिए बिहार और नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठा रहे हैं. यह दोनों देशों के लिए खतरा है. सूत्रों के मुताबिक आरोपी बिहार के अररिया जिले में जोगबनी बॉर्डर से घुसने की कोशिश कर रहे थे.
अफगान नागरिकों की गिरफ्तारी एक संवेदनशील मामला है क्योंकि यह सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पटना में एक संदिग्ध फुलवारी शरीफ आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के कुछ दिनों बाद आया है. भारत की सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों जैसे सीमांचल जिलों में बड़ी संख्या में स्लीपर सेल सक्रिय हैं.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी दावा किया कि बिहार में स्लीपर सेल बड़ी संख्या में सक्रिय हैं. अररिया जिले के जोगबनी सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के एक अधिकारी ने कहा, "नेपाल में विकास के बाद हम बिहार और नेपाल को जोड़ने वाली हर सीमा चौकी पर जांच तेज कर रहे हैं। दोनों देशों के नागरिकों को इन दोनों सीमाओं में यात्रा करने से पहले वैध पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है"
सूत्रों ने बताया है कि आरोपी का पहला निशाना जोगबनी कस्बे के रास्ते बिहार के क्षेत्र में घुसकर मुस्लिम बहुल इलाके में शरण लेना था. अधिकारी दावा कर रहे हैं कि यह भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश थी. यूरेनियम अत्यधिक संवेदनशील रेडियोधर्मी तत्व है जिसका उपयोग परमाणु रिएक्टरों में किया जाता है और इसके संवर्धन के बाद परमाणु बम तैयार किया जाता है.
Input- आईएएनएस
Source : IANS/News Nation Bureau