कैप्टन कुल, माही, एमएस जैसे ही इन शब्दों का उच्चारण क्रिकेट प्रेमियों करते हैं तो बरबस रांची के राजकुमार के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र धोनी या तो विकेट बीचों बीच बल्ला लेकर होते हैं, या फिर विकेट पीछे दीवार बनकर खड़े होतें है. 41 साल के माही अपनी कुशल नेतृत्व से टीम इंडिया को टेस्ट में नंबर एक पर पहुंचाए थे. एक बार फिर अपनी लाजवाब कप्तानी से चेन्नई टीम को IPL सीजन 16 के अंक तालिका में नंबर दो पर पहुंचाए दिए हैं आइए आज जानते हैं माही ने किस तरह एक युवा टीम को इतना धारदार बनाए.
माही का स्पेशल क्लास
माही अपने युवा खिलाड़ियों को मैच से पहले स्पेशल क्लास लेते हैं और मैच में घटित होने वाले हर उस बिंदू पर चर्चा करते हैं. तीन आईसीसी खिताब टीम इंडिया दिलाने वाले धोनी उसी तरह का फार्मूला अपना रहे हैं जिस फार्मूलें से उन्होंने युवा टीम होने बावजूद टीम इंडिया को टी20 क्रिकेट विश्व कप पहला खिताब दिलाएं. और उस फार्मूला का प्रयोग करते हुए एक फिर सीएसके को पांचवी बार खिताब दिलाने की पूर जोर कोशिश कर रहे हैं.
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युवाओं को बल्लेबाजी में ज्यादा तरजीह देना
खुद निचले क्रम में बल्लेबाजी करने जाते हैं, लेकिन युवा बल्लेबाज को शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने के लिए भेजते हैं. यहां तक कि धोनी नंबर आठ पर बल्लेबाजी करने भी उतरते हैं. और इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि धोनी कितने समर्पण होकर खेलते हैं. उन्होंने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे ऐसी टीम दो जिसे ट्रक के आगे भी कुदने को कहे तो कुद जाए. बिल्कुल धोनी ने इस चरितार्थ को साबित भी किया है. अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को नई ऊंचाई प्रदान किया.
41 के उम्र में लाजवाब फुर्ती
41 साल के होने बावजूद धोनी का फुर्ती देखते ही बनती है. जिस तरह उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज ध्रुव जुरेल को रन आउट किया धोनी ने गेंद को कलेक्ट करने के बाद सीधा थ्रो किया और गेंद विकेट पर जाकर लगी और जुरेल को वापस पवेलियन जाना पड़ा.
स्क्रिप्ट- पिन्टू कुमार झा
Source : News State Bihar Jharkhand