लोकसभा में जारी शीतकालीन सत्र के दौरान सांसद प्रदीप ने ग्रामीण स्तरीय विकास कार्यों पर चिंता जाहिर की है. सांसद प्रदीप ने बिहार पंचायती राज की कुव्यवस्था को लेकर बिहार सरकार पर करारा प्रहार किया. सांसद प्रदीप ने कहा कि बिहार सरकार की लचर व्यवस्था के चलते जहां एक ओर ग्रामीण स्तरीय विकास ठप है वहीं, दूसरी ओर वार्ड सदस्य अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में असमर्थ है. उन्हें किसी भी सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ नहीं मिल पा रहा है. सात निश्चय, मनरेगा जैसी रोजगार योजना में इनकी फिलहाल कोई भागेदारी है, जिस वजह से विकास कार्यों में असमानता देखी जा रही है. जिसका सीधा असर गांव के कई वार्डों में देखा जा सकता है.
सांसद ने कहा कि बिगत पंचायती चुनाव से पूर्व बिहार सरकार द्वारा वार्ड सदस्यों के हित में कई तरह वादे किए गए, लेकिन 15 महीने बीत जाने के बावजूद इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. वार्ड सदस्यों का न तो अबतक खाता खोला गया है, ना ही बिहार सरकार द्वारा अब तक कोई मानदेय राशि तय नहीं की गई है. बिहार के पंचायत वार्ड सदस्य महज 500 रुपये मानदेय पर काम करने को मजबूर हैं. आंदोलन पर उतारू वार्ड सदस्यों को लेकर सांसद प्रदीप ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करते हुए सभी छोटे जनप्रतिनिधियों के हित में कोई ठोस कदम उठाने की मांग की, ताकि गांवों और वार्डों के विकास में कोई बाधा नहीं आए.
साथ ही सांसद ने ट्वीट कर कहा कि बिहार पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों को उचित अधिकार और सम्मान मिलना ही चाहिए. आज लोकसभा की शीतकालीन सत्र के दौरान बिहार पंचायती राज में चल रहे कुव्यवस्था की पोल खोलते हुए वार्ड सदस्यों के हित में अपनी बात रखी.
HIGHLIGHTS
- लोकसभा में बिहार पंचायती राज की कुव्यवस्था की खोली पोल
- गांवों के विकास हेतु उठाई आवाज
- सांसद प्रदीप ने लोकसभा में रखी बात
Source : News State Bihar Jharkhand