छपरा में गुजरात के द्वारिकाधाम मंदिर की तर्ज पर बने सारण के द्वारकाधीश मंदिर में कृष्ण जन्माष्ठमी को लेकर धूम है. छपरा मुख्यालय से 6 किमी दूर एनएच 331 किनारे स्थित नैनी गांव में बने द्वारिकाधीश मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है. बिहार का एकमात्र द्वारिकाधीश मंदिर श्रद्धालुओं के लिये आस्था का केंद्र बिंदु है. साढ़े आठ करोड़ की लागत से तैयार यह भव्य मंदिर द्वारिकाधाम गुजरात के तर्ज पर बना है. इस मंदिर में राधाकृष्ण के साथ सम्पूर्ण देवलोक के दर्शन एक साथ होते हैं.
राधा कृष्ण, शिव पार्वती, दुर्गा, गणेश और हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित है, लेकिन इस मंदिर में विशेष रूप से राधे कृष्ण की पूजा अर्चना होती है. जन्माष्ठमी को लेकर दूर दराज से यहां श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी है. जन्माष्टमी पर इस मंदिर का विशेष महत्व है. दिन में पूजा आरती के साथ ही यहां रात्रि में जमनाष्टमी मनाया जायेगा, जिसकी तैयारी पूर्ण कर ली गई है. इस मंदिर निर्माण में गुजरात से ही पूरी संगमरमर आई थी और गुजरात के कारीगरों द्वारा ही 14 वर्षों में इसे पूरी तरह तैयार कर लिया गया है.
गुंबज पर लगे ध्वज को मिलाकर इसकी कुल ऊंचाई चालीस फीट है. मंदिर निर्माण का कार्य 2005 मे शुरू हुआ था, तब से लेकर 25 से 30 कारीगर प्रतिदिन कार्य किये हैं.
गुजरात के सिम्प्लेक्स में जेनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत नैनी निवासी राजीव सिंह व उनकी पत्नी रितुरानी सिंह के व्यक्तिगत प्रयास से सारणवासियों के लिये भव्य और आकर्षक मंदिर बनाया गया है. यह मंदिर निर्माण के समय से ही चर्चा में रहा. इसकी भव्यता स्वतः ही इस मार्ग से गुजरने वे ले लोगों को आकर्षित करती है.
Source : News Nation Bureau