बिहार में जनता दल यूनाइटेड नेता अजय आलोक ने आरक्षण व्यवस्था में बदलाव की मांग करते हुए पीएम मोदी को एक नया सुझाव भेजकर राज्य में एक नई बहस खड़ी कर दी है. उनके इस बयान के बाद बिहार में सियासी घमासान जारी हो गया है. दरअसल जेडीयू नेता अजय आलोक ने पीएम मोदी को टैग करते हुए लिखा है कि एक बार अगर किसी को आरक्षण का लाभ मिल गया है तो उसकी अगली पीढ़ी को ये लाभ नहीं मिलना चाहिए. तभी इन जातियों के बड़े वर्ग को आरक्षण का सही लाभ मिल पाएगा.
जेडीयू नेता ने कुछ ही तबके पर आरक्षण पर नियंत्रण करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ये लोग अगर आरक्षण लेने के बाद फिर अपनी अगली पीढ़ी को भी आरक्षण भरोसे आगे बढ़ाएंगे तो फिर इस तबके के अन्य लोगों को कैसे आरक्षण का लाभ मिल पाएगा, इसलिए आरक्षण को ऐसे मजबूत परिवारों से अलग करना अब जरूरी हो गया है. इस दौरान जेडीयू नेता ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए आरजेडी पार्टी और लालू के परिवार पर भी निशाना साधा.
जेडीयू नेता ने आगे बताया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी जी ने बिहार में महिलाओं को 3 फीसदी का आरक्षण दिया था, अति पिछड़ों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया था, annexure 1 और 2 लागू किया, लालू जी सत्ता में आए तो सबकुछ एक तरफ से ही खत्म कर दिया. नीतीश कुमार इसके विरोध में आरजेडी से अलग हो गए और साल 2005 में जब वो सत्ता में आए तब सबकुछ खत्म कर दिया गया.
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आरक्षण मामले में केंद्र भी बिहार फॉर्मूले पर करे विचारः नीतीश कुमार
जेडीयू नेता अजय आलोक के आरक्षण में संशोधन करने को लेकर बयान के बाद बिहार की राजनीति में घमासान मच गया. आरक्षण मामले पर जेडीयू नेता के बयान को लेकर को तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब मीडिया ने इस बारे में बात चीत की तो उन्होंने आरक्षण के मामले में केंद्र में भी बिहार के फाॅर्मूले पर विचार करने की बात कही. नीतीश कुमार ने कहा कि अगर केंद्र में भी आरक्षण के प्रविधान में बदलाव की बात हो तो बिहार की तरह लागू किया जा सकता है. अभी केंद्र में सिर्फ पिछड़ा वर्ग को ही रखा गया है, जबकि बिहार में अति पिछड़ों को भी आरक्षण दिया जा रहा है. केंद्र और बिहार में आरक्षण के जो प्रावधान पहले से लागू हैं, उनसे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.
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नीतीश कुमार ने की जातिगत आरक्षण की मांग
जब सीएम नीतीश कुमार से जातिगत जनगणना को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि वे खुद ये करवाना चाहते हैं . नीतीश कुमार ने कहा कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए और ये जाति के आधार पर ही होनी चाहिए ताकि सरकार को सही आंकड़े मिल सके कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं यह पता चल जाएगा तो फिर उनके लिए और क्या करना चाहिए इसका निर्णय लेने में आसानी होगी.
Source : News Nation Bureau