Bihar Politics: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से सवाल उठाए हैं. उन्होंने 53 आपराधिक घटनाओं की सूची जारी करते हुए कहा कि ''हर जिले से आ रही चीख और गोलियों की आवाज, ये है बिहार में डबल इंजन एनडीए का महाचौपट राज.'' इस बयान के बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
नीतीश सरकार में अपराधियों पर सख्ती: जदयू का दावा
जदयू के विधान पार्षद और प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में कोई भी अपराधी कानून से नहीं बच सकता. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव पहली बार 21 महीने और दूसरी बार 17 महीने सत्ता में भागीदार रहे. उस दौरान भी आपराधिक घटनाएं हुईं, लेकिन सरकार ने सख्त कार्रवाई की.
सत्ता में रहते हुए क्यों मौन थे तेजस्वी यादव?
आपको बता दें कि नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वह 38 महीने तक सत्ता में भागीदार रहे, तब उनका ट्विटर अकाउंट मौन क्यों था? उन्होंने सवाल किया कि सत्ता में रहते हुए क्या तेजस्वी यादव ने अपराध के खिलाफ हुई कार्रवाईयों की सच्चाई से आंखें मूंद ली थीं? नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के आरोपों को महज आंकड़ेबाजी बताते हुए कहा कि उन्हें सही तरीके से तथ्यों की जांच करनी चाहिए.
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अखबार की कतरनों पर राजनीति
नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव अखबार की कतरनों के आधार पर राज्य में अपराध को लेकर फर्जी दावा करते हैं, जबकि उनके द्वारा किए गए दावों में कई घटनाएं वास्तविकता में घटित नहीं हुई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि अखबारी कतरनों के आधार पर राजनीति करने वाले तेजस्वी यादव को जनता ने हाशिए पर ला खड़ा किया है.
बिहार की अपराध दर
वहीं नीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार देशभर में अपराध दर की श्रेणी में 21वें स्थान पर है, लेकिन तेजस्वी यादव को ये सकारात्मक बातें नहीं दिखाई देती हैं. नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव को राज्य में अपराध की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए तथ्यों की सही जांच करनी चाहिए, न कि सिर्फ अखबार की कतरनों के आधार पर दावे करने चाहिए.
राजनीतिक विवाद का नया दौर
बता दें कि तेजस्वी यादव और जदयू के बीच इस ताजा विवाद ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जिससे राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ता जा रहा है. आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है और इसका राज्य की कानून व्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ता है.