आरजेडी अब जिताऊ नेताओं को तवज्जो देने की कवायद में है. तभी तो लालू प्रसाद कारीबी वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को पार्टी तवज्जो नहीं दे रही है. बताया जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) पार्टी से नाराज हैं. दरअसल, पूर्व सांसद रामा सिंह (Rama Singh) को आरजेडी में शामिल कराने की तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) की कोशिशों से खफा हैं, क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में रामा सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को हरा दिया था. ऐसा माना जा रहा है कि अब जब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी द्वारा रामा सिंह को आरजेडी में लाने की कोशिश हो रही है तो उनकी नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई. बताया जा रहा है कि यही प्रमुख वजह है जिस कारण उन्होंने जून में पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
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रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी का एक और कारण है. 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद से वे अपनी ही पार्टी में राजनीतिक तौर पर हाशिए पर हैं. इसके बावजूद उन्हें उम्मीद थी कि इस साल उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा. मगर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अमरेंद्र धारी सिंह और प्रेमचंद गुप्ता को राज्यसभा भेज दिया. वहीं, रघुवंश प्रसाद सिंह को जदयू अपने पार्टी में शामिल होने का खुला ऑफर दे चुकी है.
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इधर, पूर्व सांसद रामा सिंह की आरजेडी में एंट्री का रास्ता साफ हो गया है. रामा सिंह ने साफ कर दिया है कि लालू प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव की सहमति मिलने के बाद ही उन्होंने 29 अगस्त को आरजेडी में शामिल होने का फैसला किया है. इससे यह तय हो गया है कि आरजेडी ने अपने वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह से किनारे करने का मन बना लिया है, क्योंकि रामा सिंह की पार्टी में एंट्री का वो विरोध करते रहे हैं.
Source : News Nation Bureau