बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस के खिलाफ दिए गए बयान को लेकर अभी विवाद शांत नहीं हुआ था कि अब बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने उनसे भी एक हाथ आगे निकलते हुए भगवान राम और रावण को ही काल्पनिक बता डाला. इतना ही नहीं रावण के प्रति अपना प्रेम दिखाते हुए कहा कि रावण को प्रताड़ित किया गया था. जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि रावण का कद भगवान राम से बड़ा था और रावण को प्रताड़ित किया गया था. हालांकि, जीतन राम मांझी ने ये नहीं स्पष्ट किया कि जब उनके ही मुताबिक, राम-रावण काल्पनिक थे तो रावण को किस तरह से प्रताड़ित किया गया था. वहीं, बीजेपी और खुद महागठबंधन सरकार में शामिल आरजेडी ने जीतन राम मांझी के बयान का विरोध किया और उनके बयान को गलत बताया.
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मांझी का जागा रावण प्रेम
जीतन राम मांझी यहीं पर नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि रावण के साथ गलत हुआ था और उन्हें प्रताड़ित किया गया था. मांझी ने तर्क दिया कि जब भी राम मुसीबत में होते थे तो उनके लिए कुछ अलौकिक सेवायें आती थीं लेकिन रावण के लिए कभी कुछ नहीं आया. इसलिए रावण राम से बड़े थे. रावण के लिए कुछ नहीं आता था. इसलिए रावण ज्यादा बड़े थे.
बीजेपी-आरजेडी ने जताया विरोध
जीतन राम मांझी के बयान का बीजेपी और खुद महागठबंधन सरकार में शामिल दर आरजेडी ने विरोध किया है. जहां, बीजेपी द्वारा जीतन राम मांझी के बयान को ज्यादा महत्तव ने देने की बात कहते हुए ये कहा कि मांझी ऐसा बयान सिर्फ इसलिए देते हैं ताकि वो सुर्खियों में बने रह सकें तो वहीं, आरजेडी ने जीतन राम मांझी के बयान पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए उनके बयान को गलत बताया. आरजेडी ने भगवान राम पर की जाने वाली टिप्पणी को बर्दाश्त ना करने योग्य बताया. आरजेडी ने कहा कि भगवान राम पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, भगवान राम हमारे रोम रोम में बसते हैं.
HAM ने किया बचाव, कहा-मांझी ने नहीं कहा ऐसा
मांझी जी ने ये बातें किस संदर्भ में कहा है ये तो वो ही जाने लेकिन जीतन राम मांझी ने हमेशा कहा है कि रामायण में राम जी का जो चरित्र रहा है उसे ग्रहण करना चाहिए. जहां तक बात रही रावण पर सवाल खड़े करने का तो उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है. रावण को लोग मानते हैं वो ज्ञान के भंडार थे और ज्ञानी पुरुष थे. राम का अलग व्यक्तित्व अलग है और रावण का अलग. रावण के सिद्धांत को लेकर जीतन राम मांझी ने अपनी बात रखी है. राम-रावण दोनों का ही चरित्र महान है. हालांकि, अमरेंद्र त्रिपाठी ने ये भी कहा कि रावण कभी भी राम से बड़ा नहीं हो सकता. रावण के पास ज्ञान का भंडार लेकिन उसका सदुपयोग रावण द्वारा नहीं किया जा सका था. जीतन राम मांझी समाज को भटकाव से बचाने के लिए अपनी बात रखी. लेकिन उन्होंने ये कहीं भी और कभी भी नहीं कहा कि राम से बड़े रावण थे.
सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं मांझी: BJP
न्यूज स्टेट बिहार झारखंड के द्वारा जब मामले में बीजेपी की प्रतिक्रिया मांगी गई तो बीजेपी के प्रवक्ता मनीष पांडे ने जीतन राम मांझी पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी के बयान को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि उनके बयान का कोई मतलब नहीं है. जीतन राम मांझी इस तरह के बयान सिर्फ इसलिए देते हैं ताकि वो सुर्खियों में बने रह सकें. बीजेपी प्रवक्ता मनीष पांडे किस मकशद से जीतन राम मांझी इस तरह के बयान दे रहे हैं उसके बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता. उनपर उम्र का भी असर हो रहा है. वो इस तरह के बयान सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए करते हैं. मांझी द्वारा ऐसा बयान देकर सिर्फ लोगों की भावनाओं को आहत करने का काम किया गया है. भगवान राम पर उंगली उठाने का मतलब है कि खुद अपने चेहरे को गंदा करना है. भगवान राम को चरित्र प्रमाण पत्र कौन दे सकता है. वहीं, HAM प्रवक्ता अमरेंद्र मांझी के बायन पर मनीष पांडे ने कहा कि वो मांझी की हां में हां मिलाएंगे लेकिन राम को प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. राम को वही प्रमाण पत्र दे सकता है जो मर्यादा पुरुषोत्तम हो.
राम हमारे रोम-रोम में: RJD
वहीं, महागठबंधन सरकार में शामिल व सबड़े बड़े दल आरजेडी ने भी जीतन राम मांझी के बयान पर आपत्ति जाहिर की है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भगवान राम पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी जो भगवान राम के खिलाफ होगी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. भगवान राम हमारे रोम-रोम में बसे हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- जीतन राम मांझी का विवादित बयान
- राम-रावण को बताया काल्पनिक
- रावण के प्रति मांझी ने दिखाया 'प्रेम'
- रावण को बताया भगवान राम से बड़ा
- बीजेपी-आरजेडी ने बयान का किया विरोध
Source : News State Bihar Jharkhand