झारखंड के चतरा में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. चंद रुपयों के लालच में मां की ममता का व्यापार करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोपी सदर अस्पताल की एएनएम और सहिया पर लगा है, जिसके बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया. सदर अस्पताल से नवजात बेचे जाने की खबर के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त अबू इमरान ने सिविल सर्जन के नेतृत्व में एसडीओ व एसडीपीओ की संयुक्त टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम आरोपी सहिया और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से पूछताछ करते हुए बेचे गए नवजात को बरामद करने में जुट गई है.
आपको बता दें कि ये मामला सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत शहर के दिभा मोहल्ला इलाके की है. यहां की गर्भवती आशा देवी को सोमवार के दोपहर प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने डिलीवरी के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के देखरेख में देर शाम महिला का प्रसव कराया गया, लेकिन आरोप है कि महिला के प्रसव के चंद घंटे बाद ही देर रात मौके पर मौजूद सहिया डिंपल देवी ने महज एक लाख रुपए में ही नवजात का सौदा करा कर उसकी मां से बच्चे को बेचवा दिया. इतना ही नहीं अस्पताल में लगे कैमरे से बचने के लिए सहिया ने उसकी मां को अस्पताल परिसर से बाहर बुलाकर एक लाख रुपया नगद देकर नवजात बच्चे को दूसरे के हाथों बेच दिया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब ड्यूटी पर तैनात दूसरे स्वास्थ्य कर्मी मौके पर बच्चे को नहीं देखा. इसके बाद हंगामे के बाद बच्चे की मां आशा देवी ने अस्पताल से बच्चे को बेचने की बात मान ली और अस्पताल से बिना किसी को कुछ बताए वहां से भाग निकली और घर आ गई.
यह भी पढ़ें: बर्फ की चादर में छिपा सासाराम-रोहतास, VIDEO देख लें कश्मीर की फीलिंग
पुलिस कर रही जांच
साथ ही सहिया की मिलीभगत से नवजात बच्चे को अस्पताल परिसर से बेचे जाने की खबर जैसे ही शहर में आग की तरह फैली, विभाग के अधिकारियों व कर्मियों के हाथ-पांव फूलने लगे. आनन-फानन में अधिकारियों ने मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी, जिसके बाद डीसी के निर्देश पर सदर थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए महिला के घर की तलाशी ली और एक लाख रुपये नकद समेत महिला को नवजात शिशु के सौदे के मामले में हिरासत में लिया. साथ ही आरोपी सहिया को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. नवजात का इलाज करने वाली कलयुगी मां ने बताया कि सहिया ने प्रसव के बाद कहा था कि उसके भाई को बच्चा नहीं है, पैसे लेकर बच्चा उसे दे दो, जिसके बाद मैंने एक लाख रुपये में बच्चे को अस्पताल के बाहर उसे दे दिया.
हालांकि इस पूरे मामले में पूछताछ के लिए बुलाई गई आरोपी सहिया ने खुद को निर्दोष बताते हुए बच्चे की मां पर बार-बार बयान बदलकर बदनाम करते हुए फंसाने का आरोप लगाया है. सहिया का कहना है कि, ''मैं जब मौजूद ही नहीं थी तो फिर मैं सौदा कैसे करवा सकती हूं.'' फिलहाल इस पूरे मामले में जांच टीम के अधिकारी और जिले के वरिष्ठ अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. अधिकारियों ने कहा है कि, जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, बच्चे को तत्काल बरामद कर मां को लौटाना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है.
Source : News State Bihar Jharkhand