बिहार की राजनीति में उलट फेर देखा जा रहा है. सरकार यहां पर कभी भी गिर सकती है. इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. नीतीश एक बार फिर एनडीए में जाने की योजना बना रहे हैं. वहीं आरजेडी भी जोड़तोड़ में लगी हुई है. इस बीच जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) का बड़ा बयान सामने आया है. दरअसल बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर अहम बैठक में पार्टी के प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण का कहना है कि यह स्पष्ट है कि हम एनडीए का भाग होंगे. पीएम मोदी के नेतृत्व में गठबंधन के निणर्यों के साथ मजबूती के साथ खड़े रहने वाले हैं.
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बिहार के सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार रविवार सुबह तक इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि वे अपना इस्तीफा सौंपने से पहले विधायक दल की एक पारंपरिक बैठक करने वाले हैं. वहीं भाजपा की राज्य इकाई के प्रभारी विनोद तावड़े ने विपक्षी गठबंधन इंडिया से नीतीश कुमार के अलग होने की संभावना को लेकर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.
कभी भी गिर सकती है सरकार
जेडीयू के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता केसी त्यागी ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरने की कगार पर है. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के एक धड़े पर सीएम नीतीश कुमार का बार-बार अपमान करने का आरोप लगाया. त्यागी का कहना है कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) भी टूट की कगार पर है.
मांझी की भूमिका बेहद खास
आपको बता दें कि बिहार में चल रहे सियासी घमासान में जीतन राम मांझी की भूमिका काफी अहम है. यहां पर जीतनराम की पार्टी हम के पास चार विधायक मौजूद हैं. अगर ये आरजेडी के पाले में जाते हैं तो महागठबंधन 118 सीटों का आकंड़ा छू सकती है. आपको बता दें कि आरजेडी के पास 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक मौजूद हैं. वहीं अगर ओवैसी की पार्टी AIMIM का एक और इसमें एक निर्दलीय विधायक भी लालू-राहुल के साथ आ जाए तो ये आंकड़ा 120 तक पहुंच सकता है. हालांकि सरकार बनाने के लिए दो और विधायकों की आवश्यकता है.
बैठक में यह रणनीति बनी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरजेडी के नेता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के यहां 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर एकत्र हुए. पार्टी के सभी नेताओं को अपने मोबाइल फोन आवास के गेट के बाहर जमा होने करने को कहा है. इस घटनाक्रम की जानकारी रखने का दावा करने वाले सूत्रों के अनुसार, सीएम नीतीश कुमार द्वारा गठबंधन तोड़ने की स्थिति में अपनाई जाने वाली रणनीति के बारे में विचार-विमर्श होगा.
Source : News Nation Bureau