बिहार में विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है. वहीं, इस सत्र में सबसे बड़ा प्रस्ताव आरक्षण का रहा. जिसके अनुसार बिहार में आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया गया तो वहीं, सीएम नीतीश के जनसंख्या को लेकर महिलाओं पर की गई टिप्पणी ने बिहार में खूब सियासी बवाल खड़ा कर दिया. सीएम नीतीश ने विधानसभा सदन में बोलते हुए कहा था कि पुरुष को रोज चाहिए होता है, जिसे लेकर विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया. जिस पर बाद में नीतीश कुमार ने माफी मांग ली और कहा कि मैं अपने बयान की निंदा करता हूं और इसे वापस लेता हूं. इसके बाद भी विपक्ष ने हंगामा जारी रखा. वहीं, नीतीश के सपोर्ट में भी कई नेता आए. इस बीच गुरुवार को नीतीश कुमार सदन में अचानक से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भड़क उठे और उन्हें सीएम बनाने को अपनी भूल बता दी.
जिसके बाद जीतन राम मांझी ने नीतीश को जवाब देते हुए कहा कि ये बार-बार कहते हैं कि हमने तुमको मुख्यमंत्री बनाया, देहात में कहा जाता है कि भले भेड़िया सिर मुड़ाता है.. उसी प्रकार 2014 में नीतीश हार गए तो सबने इस्तीफे की मांग की. अपनी लाज बचाने के लिए एक सीधा साधा आदमी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया. जीतन राम मांझी को अंडर एस्टीमेट किया, सोचा जो बोलेगा वह करेगा. आप लोग भी इसके गवाह है. दो महीने तक उन्होंने जो कहा हमने किया.
नीतीश को खाने में दिया जाता है जहरीला पदार्थ
वहीं, शुक्रवार को मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार को जहरीला पदार्थ दिया जा रहा है और उनके खाने में जानबूझकर जहरीला पदार्थ मिलाया जा रहा है. यही वजह है कि वह जो मन में आ रहा है, वो बोल रहे हैं, उन्हें भी मालूम नहीं है कि वह क्या बोल रहे हैं. इसकी जांच भी होनी चाहिए.
नीतीश ने मांझी पर किया था जुबानी हमला
बता दें कि सीएम नीतीश ने मांझी पर कहा था कि उनकी गलती की वजह से साल 2014 में जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया था. नीतीश यही नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि मांझी को कोई समझ नहीं है और ना ही कोई सेंस नहीं है. वह मेरी गलती की वजह से सीएम बना, कुछ भी बोलता रहता है.