Bihar News: बिहार में 23 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की है और कहा कि 23 हजार 801 नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं. इन सभी संदिग्ध प्रमाण पत्रों की दोबारा से जांच की जाएगी और जिस भी शिक्षक का प्रमाण पत्र गलत पाया जाएगा, उन पर कार्रवाई की जाएगी.
23,801 शिक्षकों की नौकरी खतरे में
इसे लेकर गुरुवार को एक रिपोर्ट भी जारी की गई है. साथ ही यह भी कहा गया है कि जो भी शिक्षक काउंसलिंग से गैरहाजिर थे और इसकी वजह वैध थी, उन्हें काउंसलिंग का दोबारा से मौका दिया जाएगा. वहीं, फर्जी सर्टिफिकेट जमा करने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी.
दोबारा करना होगा सर्टिफिकेट अपलोड
आपको बता दें कि सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 1 लाख 87 हजार शिक्षकों की काउंसलिंग होने वाली थी. जिसमें से 48,184 शिक्षकों की किसी वजह से काउंसलिंग नहीं हो पाई. वहीं, 23,801 शिक्षकों को दोबारा से सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए कहा गया है. इसके लिए पोर्टल पर ऑप्शन दिया जाएगा.
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96 शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी
एक बार फिर से अपलोड किए गए सर्टिफिकेट और पहले अपलोड किए गए सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी. उनमें से करीब 9966 शिक्षक हैं, जिन्होंने असली सर्टिफिकेट जमा ही नहीं किया. उन्हें भी फिर से सर्टिफिकेट जमा करने के लिए समय दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, 96 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं.
जांच के लिए होगी टीम गठित
जिसके बाद एक टीम गठित की जा रही है जो इन प्रमाण पत्रों की जांच करेगी. जिसके बाद निदेशालय की तरफ से ही फैसला किया जाएगा. 10 हजार के करीब ऐसे भी शिक्षक हैं, जिनका बायोमेट्रिक तो सत्यापित हो चुका है, लेकिन नाम और जन्मतिथि में अंतर पाया गया है. ऐसे शिक्षकों को भी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देने के लिए कहा गया है. जिसके बाद ही फिर से पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड कर सकेंगे.