नवादा जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. जहां मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. रजौली अनुमंडलीय अस्पताल में लाइटमैन की लापरवाही से घंटों तक बिजली बाधित रही. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने मोबाइल के फ्लैश लाइट में आपातकालीन सेवाएं एवं खून जांच आदि करने को मजबूर थे. बिजली विभाग द्वारा आंख मिचौली का खेल जारी था. हालांकि अनुमंडलीय अस्पताल में डिजिटल जेनरेटर की व्यवस्था है. इसके बावजूद घंटो तक बिजली सेवाएं बाधित रही.
मोबाइल के फ्लैश लाइट में हुआ इलाज
इसी बीच अमावां मोड़ पर सड़क दुर्घटना में घायल अमावां गांव निवासी राजेश पण्डित अपने परिजनों के साथ इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे. आपातकालीन सेवा होने के कारण स्वास्थ्यकर्मियों ने मोबाइल के फ्लैश लाइट में ही घायल व्यक्ति का उपचार किया. घायल व्यक्ति ने बताया कि वे अपने रिश्तेदार के यहां से वापस घर लौटर रहे थे. इसी बीच वो सड़क दुर्घटना में घायल हो गया.
गर्भवती महिलाओं को भी हुई बेहद परेशानी
हैरानी की बात तो ये है कि खून जांच में जुटे लैब पर्यवेक्षक राकेश कुमार व एएनएम कॉलेज की छात्राएं भी मोबाइल के फ्लैश लाइट में ही अपना काम करते दिखीं. साथ ही ओपीडी सेवाएं बाधित ना हो इसके लिए प्रभारी डीएस डॉ दिलीप कुमार के निर्देश पर ऑफलाइन मोड में मरीजों का पर्चा बनाया जा रहा था. बिजली के बाधित होने से प्रसव कक्ष में भी गर्भवती महिलाओं एवं नवजात बच्चों के साथ-साथ ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस मामले में प्रभारी डीएस ने बताया कि डिजिटल जेनरेटर में डीजल के अभाव में एयर ले लिया था. डीजल लाने के लिए कर्मी को भेजा गया है. जल्द ही जेनरेटर चालू कर बिजली आपूर्ति की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- मरीजों की जिंदगी के साथ किया जा रहा खिलवाड़
- मोबाइल के फ्लैश लाइट में हुआ इलाज
- गर्भवती महिलाओं को भी हुई बेहद परेशानी
- घंटो तक बिजली सेवाएं रही बाधित
Source : News State Bihar Jharkhand