ऊंची दुकान और फिंकी पकवान कुछ ऐसा ही हाल सुपौल सदर अस्पताल का है. दरअसल, सदर अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं की शिकायत पर गुरुवार की देर शाम आरजेडी के जिला प्रवक्ता सह फ्रेंड का तेजस्वी प्रदेश उपाध्यक्ष अनोज कुमार आर्य उर्फ लव यादव ने सदर अस्पताल का निरिक्षण किया. इस दौरान जब उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली तो पूरी व्यवस्था की पोल पट्टी खुल गई. इस दौरान अस्पताल में अधिकांश बेड पर चादर नदारद था. वहीं, मरीजों को खाने में भी मेनू का पालन नहीं होने की शिकायत मिली है.
चादर तक मरीजों को नहीं दिया गया
अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया कि बेड पर चादर नहीं दिया गया है. वहीं, खाने के बारे में पूछने पर मरीजों ने बताया कि अस्पताल की ओर से चावल, दाल एवं आलू परवल की सब्जी दी गयी है. दिन में भी यही खाना दिया गया था. वहीं, कुछ मरीजों ने बताया कि शाम में ऑपरेशन हुआ है, लेकिन मरीज को खाने के लिए अस्पताल की तरफ कुछ भी नहीं दिया गया है. कुछ मरीज तो ऐसे भी मिले जो भोजन नहीं मिलने की वजह से बाहर का खाना खाकर काम चला रहे थे.
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खाने की होती है खराब क्वालिटी
वहीं, कुछ मरीजों के परिजन खाने की खराब क्वालिटी और मेनू अनुपालन नहीं होने की वजह से अस्पताल में ही खाना पकाते दिखे. मरीजों ने सुबह नाश्ते में दूध नहीं मिलने की भी शिकायत की है. यहां खास बात यह है कि सदर अस्पताल में बेहतर मेस के संचालन के लिए दो साल पूर्व ही क्षितिज जीविका समूह को जिम्मेवारी सौंपी गई थी, लेकिन अब जीविका समूह द्वारा मेस संचालन में लापरवाही सामने आ रही है.
ये है खाने का मेनू
आपको बता दें कि निर्धारित मेनू के अनुसार मरीजों को सुबह 8 से 9 बजे नाश्ते में 6 ब्रेड, 1 अंडा, 200 एमएल दूध और 1 मौसमी फल देना है. जबकि दोपहर 12:30 से 1:30 बजे के बीच खाने में 125 ग्राम चावल, 50 ग्राम दाल, 100 ग्राम हरी सब्जी और 50 ग्राम दही देना है. शाम 5 बजे 60 एमएल चाय और दो बिस्कुट देना है. जबकि रात 8:30 से 9 बजे तक 4 रोटी, 50 ग्राम दाल और 100 ग्राम हरी सब्जी देने का प्रावधान है.
प्रसव वार्ड के चिकित्सक कक्ष में लटका था ताला
निरीक्षण के क्रम में आरजेडी नेता प्रसव वार्ड पहुंचे. जहां चिकित्सा के कक्ष पर ताला लटका था, लेकिन जब इस संदर्भ में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नूतन वर्मा से बात की गई तो उन्होंने डॉक्टर के किसी अन्य कक्ष में जाने का बहाना दे दिया, जबकि यहां उनकी ही ड्यूटी लगी थी. वहीं, सवाल यह भी है कि डॉक्टर किसी अन्य कक्ष में भी ड्यूटी पर थे तो भी कमरे में ताला क्यों लटका था.
रिपोर्ट - केशव कुमार
HIGHLIGHTS
- पूरी व्यवस्था की खुल गई पोल पट्टी
- चादर तक मरीजों को नहीं दिया गया
- खाने की होती है खराब क्वालिटी
- प्रसव वार्ड के चिकित्सक कक्ष में लटका था ताला
Source : News State Bihar Jharkhand