दो साल बाद बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को आतंकी अपना निशाना बना सकते हैं. खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने राज्यों को विशेष सतर्कता बरतने को लेकर एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में बताया गया है कि कांवड़ यात्रा पर कट्टरपंथियों और आतंकियों द्वारा हमला करने का अंदेशा है, जिसको लेकर राज्य की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहे. कांवड़ यात्रा मार्ग पर कांवरियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी प्रबंध करने को कहा गया है.
खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश सहित उन सभी राज्यों को अलर्ट किया है, जहां कांवर यात्रा की परंपरा रही है, सिर्फ यात्रा मार्ग ही नहीं श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय ने ट्रेन की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश भी दिया है. गृह मंत्रालय द्वारा अलर्ट जारी किए जाने के बाद कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए राज्यों ने बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को संवेदनशील इलाकों में तैनात करने का निर्देश दिया है.
इन्हीं तैयारियों के तहत बिहार के सुल्तानपुर से देवघर तक के 105 किलोमीटर के कांवर पथ की पूरी तरह सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है. यात्रा मार्ग में लगाए गए सीसीटीवी के जरिए पूरे रास्ते और कांवरियों पर हर पल नजर रखी जा रही है. वहीं, देवघर और बासुकीनाथ में 14000 से अधिक पुलिस जवानों की तैनाती की गई है. कांवड़ यात्रा के बिहार वाले हिस्से में बिहार पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
वहीं, दिल्ली पुलिस की स्पेशल बेंच ने कांवर यात्रा को लेकर एक अलग तरह की सलाह दी है. इसमें कहा गया है कि कांवर यात्रा मार्ग को बदलते हुए श्रद्धालुओं के उन स्थानों से गुजरने की व्यवस्था की जाए जहां मांसाहार करने वाले या मांस बेचने वाले न हों. स्पेशल बेंच की सलाह पर भी काम किया जा रहा है. आपको बता दें कि सावन शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विषय को ध्यान में रखते हुए कांवर यात्रा मार्ग पर मांस की बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है, जरूरत के अनुसार रूट भी डायवर्ट किया गया है, अब ऐसी ही तैयारी अन्य कांवड़ मार्गों के लिए स्थानीय प्रशासन कर रही है.
इधर कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले बाबा के भक्तों के साथ आम लोगों को भी परेशानी का सामना न करना पड़े, सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद रहे, इसके लिए कई वैकल्पिक मार्ग तैयार किए गए हैं. साथ ही आम लोगों और वाहनों के आवागमन के लिए भी अलग रूट तय किया गया है. वहीं, मंदिर के आसपास के क्षेत्र में वाहनों के परिचालन को भी प्रतिबंधित किया गया है और ऐसा सिर्फ देवघर या बासुकीनाथ के लिए नहीं बल्कि वैसे सभी प्रमुख शिवालयों के लिए किया गया है, जहां हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं, और जहां कही भी कांवड़ यात्रा की परंपरा रही है.
Source : Naresh Kumar Bisen