आजमनगर प्रखंड में पुरानी पोखर को नई बता कर मनरेगा में लूट-खसोट जारी है. मखाना खेत निर्माण के नाम पर 72 हजार रुपए की अवैध निकासी का मामला सामने आया है. जहां पुराने पोखर को नया पोखर निर्माण दिखाकर 58 हजार रुपए की निकासी की गई. वहीं, बिना मजदूरों से काम करवाए बिना सरकारी योजनाओं के पैसों का बंदरबांट बिचौलियों के माध्यम से हो रहा है. गरीब मजदूरों को घर के पास ही रोजगार मिले, इसके लिए मनरेगा की योजना चल रही है. इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते योजना फेल हो रही है, जहां कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड अंतर्गत खुडियाल पंचायत में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है.
मनरेगा योजना के नाम पर लूट
जहां पंचायत के वार्ड नंबर 10 के सदस्य कुशिया देवी व उनके पति सहदेव मंडल ने बताया कि मेरे वार्ड में कई ऐसे योजनाएं हैं, जिसमें व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है. जहां मनरेगा योजना के तहत मखाने की खेती करवानी थी, लेकिन बिना मखाना खेती निर्माण किए सरकार के पैसे का उठाव कर लिया गया है. वहीं, पुराने पोखर को नया पोखर निर्माण योजना दिखाकर लाखों रुपए की निकासी कर ली गई है.
सामने आई बड़ी अवैध निकासी
गरीब मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है. वहीं वार्ड सदस्य रोते हुए भावुक हो गए और कहने लगे कि गरीब मजदूर रोजगार के लिए भटक रहे हैं. मेरे पास रोजगार मांग रहे हैं, लेकिन हम गरीब मजदूर को रोजगार नहीं दे पा रहे हैं. प्रशासन और बिचौलियों की मिलीभगत से योजनाओं में पैसों का बंदरबांट हो रहा है. गरीब मजदूर को रोजगार नहीं मिल रहा है. अधिकारियों की मिलीभगत से मनरेगा की योजना में बड़े पैमाने पर लूट खसोट की जा रही है.
पुराने योजना पर नई योजना का नए ढंग से नामकरण कर और रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से खुदाई कर आवंटित राशि की अवैध तरीके से निकासी की जा रही है. यदि आजमनगर प्रखंड की मनरेगा योजना की धरातल पर जांच की जाए, तो कई तरह के भ्रष्टाचार सामने आ जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- मनरेगा योजना के नाम पर लूट
- लाखों की ठगी का मामला आया सामने
- अवैध तरीके से पैसों की निकासी
Source : News State Bihar Jharkhand