बिहार में सियासत एक बार फिर से उबाल पर है और इस बार सियासत के केंद्र में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने खुद बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. मुख्यमंत्री ने विपक्ष की गोलबंदी की तैयारी शुरू कर दी है. तेलंगाना में 17 फरवरी को केसीआर की होने वाली रैली में तेजस्वी यादव के साथ JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जाएंगे और नीतीश कुमार अब कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बाद एक बार फिर से विपक्ष की गोलबंदी में जुट जाएंगे. इस सब के बीच नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपने 2013 वाली कसम को दोहराते हुए कह दिया है कि वो मर जाएंगे लेकिन बीजेपी में नहीं जाएंगे. 2024 चुनाव से पहले बिहार में बढ़ी सियासी हलचल बढ़ गई है.
'मर जाएंगे, लेकिन BJP के साथ नहीं जाएंगे'
भारतीय जनता पार्टी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अदावत बढ़ती ही जा रही है. आलम ये है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने कभी गठबंधन के साथी रहे बीजेपी के लिए ये कह दिया कि वो मर जाएंगे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं जाएंगे. हालांकि ये अलग बात है कि इससे मिलता-जुलता बयान उन्होंने साल 2013 में भी दिया था, लेकिन चुनावी नतीजों के बाद सीएम ने बीजेपी से ही गठजोड़ किया. दरअसल मौका था महात्मा गांधी की पुण्यतिथि कार्यक्रम का. सीएम पटना के एनआईटी घाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बीजेपी पर ताबड़तोड़ जुबानी तीर चलाए. सीएम ने बीजेपी पर धोखा देने के साथ ही पार्टी पर साजिश करने का आरोप भी लगाया.
बीजेपी को घेरने की कोशिश
नीतीश कुमार की इस मोर्चाबंदी का सबसे बड़ा कारण है विपक्ष की गोलबंदी की तेज कोशिश. 2024 चुनाव के पहले विपक्ष चारों तरफ से बीजेपी को घेरने की कोशिश में है. इसी कड़ी में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने 17 फरवरी को एक रैली का आयोजन किया है. इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को भी न्योता भेजा गया है. हालांकि सीएम नीतीश का इस रैली में जाना तो तय नहीं है, लेकिन इतना जरूर तय है कि रैली के जरिए विपक्ष को एकजुट करने की तमाम कोशिशें की जाएंगी.
बिछी राजनीतिक बिसात
वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की घेराबंदी की तैयारी से राष्ट्रीय जनता दल बेहद उत्साहित है तो वहीं बीजेपी को विपक्ष का ये पैंतरा रास नहीं आ रहा है. बीजेपी के नेताओं ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. विपक्ष की गोलबंदी को बीजेपी के नेता नकारने में जुट गए हैं. 2024 के चुनाव से पहले ही राजनीतिक बिसात बिछ चुकी है. बिहार में राजनीतिक दलों ने तलवारें खींच ली है और अब चुनावी रण की तैयारी तेज हो गई है.
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HIGHLIGHTS
- 2024 के रण की तैयारी
- खिंच गई है सियासी तलवारें
- अब चुनावी युद्ध की बारी
- रैली के जरिए होगी मोर्चाबंदी!
- बीजेपी के घेराव पर रजामंदी
Source : News State Bihar Jharkhand