पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए होती है लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो जनता कहा जाएगी कुछ ऐसा ही छपरा में देखने को मिला है. जहां स्वर्ण व्यवसायी से 5 लाख नगद सहित 50 लाख के सोने लूट लिए गए और ऐसा करने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद पुलिस के जवान ही थे. जिन्होंने पहले तो जांच के बहाने व्यवसायी को अपनी गाड़ी में बैठाया और फिर सुनसान जगह पर ले जाकर लूट की घटना को अंजाम दिया.
दरअसल, घटना 5 सितंबर की रात 11 बजे की बताई जा रही है. व्यवसायी अभिलेश वर्मा हमेशा की तरह ही एक निजी होटल में ठहरे थे और वह ट्रेन पकड़ने के लिये ई रिक्शा से देर रात्रि जंकशन के लिये निकले थे, तभी पुलिस की वर्दी पहने एक बलेरो पर सवार चार वर्दीधारियों ने उन्हें जेल सुपरिटेंडेंट के गेट के समीप से जांच के बहाने अपनी गाड़ी में बैठा लिया और लूट की घटना को अंजाम देने के बाद उन्हें आरा- छपरा पुल पर ले जाकर छोड़ दिया.
जिसके बाद व्यवसायी ने छपरा के स्वर्ण व्यवसायियों से सम्पर्क किया और भगवान बाजार थाना में एफआईआर दर्ज कराई, अगले दिन सवर्ण व्यवसायियों ने सारण एसपी से मिलकर इस घटना में शामिल आरोपियों पर जल्द करवाई और ऐसे घटना पर रोक लगाने की मांग की थी. जिसके बाद सारण पुलिस ने एक टीम गठित कर गुप्त तरीके से अनुसंधान को अंजाम दे रही थी, और इसमे शामिल कुछ बीएसएपी के जवानों की संलिप्ता सामने आने के बाद उन्हें पटना एवं अन्य जगहों से गिरफ्तार किया है.
Source : News Nation Bureau