बिहार के शिक्षा विभाग में सुधार लाने के लिए अपर मुख्य सचिव केके पाठक आये दिन नए नए आदेश जारी कर रहे हैं, लेकिन दूसरी ही तरफ कुछ और ही तस्वीर सामने आ रही है. समस्तीपुर जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां विद्यालय की चार दीवारी ही नहीं है और उसी स्कूल में एक तालाब भी है. जो की खतरे की घंटी है. कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. हालांकि कई बड़े हादसे पहले ही हो चुके हैं, लेकिन फिर भी विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है.
पहले भी हो चुकी है कई घटनाएं
समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय का ये पूरा मामला है. जंहा विद्यालय में चार दीवारी ही नहीं है और उसी कैम्पस में एक तलाब होने की वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इससे पूर्व में भी कई घटनाएं घटित हो चुकी है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक बताते है कि चार दिवारी के निर्माण को लेकर संबंधित विभाग को कई दफा अवगत कराया तथा इसकी वरिय पदाधिकारी से शिकायत भी की, लेकिन इसका निर्माण कार्य अब तक नहीं हो सका है.
12 वीं वर्ग के लिए एक भी शिक्षक नहीं
प्रधानाध्यापक ने कहा कि जब कोई बड़ी दुर्घटना होगी तभी संबंधित विभाग की आंख खुलेगी. वहीं, प्रधान अध्यापक मो0 मुस्लिम ने बताया की बिहार सरकार के द्वारा उक्त विद्यालय को +2 कर दिया गया, लेकिन वर्ग 09 से 12 वीं वर्ग तक पढ़ाने वाले एक भी शिक्षक नहीं है. पूर्व में दो शिक्षक भी थे मगर वे लोग डिप्टेशन में चले गये हैं. इतना ही नहीं एक से पांच वर्ग तक में बेंच और डेस्क नहीं रहने के कारण बच्चे फर्स पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. प्रधानाध्यापक ने बताया की उक्त विद्यालय में कुल 08 टीचर हैं. जिसमें 06 पुरुष एवं 02 महिला शिक्षिका हैं. उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल में कार्यालय सहित मात्र 08 रूम हैं. रूम की कमी रहने की वजह से छात्र - छात्राओं को पठन पाठन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
रिपोर्ट - मंटुन रॉय
HIGHLIGHTS
- विद्यालय की चार दीवारी ही नहीं
- कभी भी हो सकता है कोई बड़ा हादसा
- पहले भी हो चुकी है कई घटनाएं
- 12 वीं वर्ग के लिए एक भी शिक्षक नहीं
Source : News State Bihar Jharkhand